विज्ञापनों पर पूर्व प्रमाणन करना आवश्यक, मतदाताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर लगेगी रोक
रायपुर- छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग तैयारी में तेजी से जुट गया है। प्रदेश में आचार संहिता लगते ही लगातार कार्रवाई भी जा रही है। इस बीच, विज्ञापनों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग तैयारी में तेजी से जुट गया है। प्रदेश में आचार संहिता लगते ही लगातार कार्रवाई भी जा रही है। इस बीच, विज्ञापनों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके मुतािबक इस साल चुनाव में इलेक्ट्रानिक और इंटरनेट मीडिया के साथ ही प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के प्रकाशन सख्त नियम होंगे। मतदाताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगेगी। वहीं, मतदान दिवस और उसके एक दिवस पूर्व प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण जरूरी होगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन के लिए पहले चरण के मतदान दिवस के एक दिन पूर्व तथा मतदान दिवस को (अर्थात छह और सात नवंबर 2023 को) और दूसरे चरण के मतदान दिवस के एक दिन पूर्व तथा मतदान दिवस को (अर्थात 16 व 17 नवंबर 2023 को) प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के प्रकाशन के पूर्व जिला अथवा राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन अनिवार्य किया गया है।
इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यस्तरीय तथा जिलास्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति को प्रमाणन के लिए प्राप्त आवेदन पर त्वरित निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मतदान दिवस के पूर्व व मतदान तिथि को प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के प्रकाशन के बाद वे दल अथवा प्रत्याशी जो इससे प्रभावित होते हैं, उनके पास किसी भी प्रकार की सफाई अथवा खंडन का अवसर नहीं होता। ऐसे में स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी होगा।