PM बोले- बाइडेन ने अपनापन दिखाया, 300 कलाकृतियां लौटाईं:मन की बात के 10 साल पूरे होने पर कहा- कार्यक्रम मंदिर में पूजा करने जैसा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 114वें एपिसोड में कहा- हमारी यात्रा को 10 साल हो चुके हैं। यह कार्यक्रम विजयादशमी के दिन शुरू हुआ था। 10 साल पूरे होने के समय नवरात्रि का पहला दिन होगा। मन की बात के कई पड़ाव हैं, जिन्हें मैं भूल नहीं सकता। यह कार्यक्रम मेरे लिए मंदिर में पूजा करने जैसा है।

पीएम मोदी ने कहा कि हाल की अमेरिका यात्रा के को लेकर बहुत मैसेज मिले। हमारी प्राचीन कलाकृतियों को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनापन दिखाया। उन्होंने भारत को करीब 300 कलाकृतियों वापस लौटाई। इनमें से कुछ 4 हजार साल पुरानी हैं।

PM ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि प्रेसिडेंट बाइडेन ने मुझे कलाकृतियां दिखाई थीं।
PM ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि प्रेसिडेंट बाइडेन ने मुझे कलाकृतियां दिखाई थीं।

मोदी की मन की बात की 7 प्रमुख बातें

  • मन की बात मेरे लिए ऐसी है जैसे मंदिर जाकर पूजा करना।मैं सभी मीडिया को धन्यवाद करता हूं ,क्योंकि उन्होंने इस कार्यक्रम को घर-घर पहुंचाया है। यूट्यूबर्स ने इस पर कई कार्यक्रम किए हैं। मुझे अच्छा लगता है जब लोग ये कहते हैं कि उन्होंने मन की बात को स्थानीय भाषा में सुना।
  • इस यात्रा के दौरान कई ऐसे साथी हैं, जिनका निरंतर सहयोग मिलता रहा है। एक धारणा ऐसी घर कर गई है, कि जब तक चटपटी नकरात्मक बातें न हों तब तक उसे तवज्जोह नहीं मिलती। मन की बात ने इसे गलत साबित किया है।
  • चकोर पक्षी बारिश की बूंद ही पीता है। मन की बात में भी लोग देश के लोगों की उपलब्धियों को ध्यान से सुनते हैं। हर एपिसोड के साथ नई गाथाएं कीर्तिमान जुड़ जाते हैं। हमारे देश में कई लोगों का जीवन निस्वार्थ सेवा में लगा है। उनके बारे में जानकार मैं गर्व से भर जाता हूं।
  • पिछले कुछ सप्ताह से देश के अलग हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। ये हमें जल संरक्षण के बारे में याद दिलाता है। मुझे खुशी है कि इसके लिए कई लोग पहल कर रहे हैं। यूपी के झांसी में एक ऐसी ही पहल हुई है। यहां हमेशा पानी की किल्लत रहती है। यहां की महिलाओं ने जल सहेली बनकर मृतप्राय हो चुकी गुरारी नदी को बचाया है।
  • इन जल सहेलियों ने बोरियों में बालू को भरकर पानी को बचाया। नदी को पानी से लबालब भर दिया। इससे क्षेत्र के लोगों की जल समस्या दूर हुई है। मुझे मध्यप्रदेश के दो प्रयासों की जानकारी मिली है। डिंडोरी के रैपुरा गांव में शारदा आजीविका स्वसहायता समूह ने फिश पार्लर शुरू किया है। छतरपुर में भी महिलाओं ने गांव के तालाब को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया।
  • देश के हर हिस्से में स्वच्छता को लेकर कोई न कोई प्रयास चल रहा है। 2 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान के 10 साल हो रहे हैं। ये महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि है जो पूरे जीवन भर इसके लिए प्रयासरत रहे। मेरा आप सबसे आग्रह है कि आप भी अपने परिवार दोस्तों के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान में हिस्सा लें।
  • हम सभी को अपनी विरासत पर गर्व है। मेरी अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 कलाकृतियों को वापस लौटाया है। इनमें फूलदान, देवी-देवता, बुद्ध, श्रीकृष्ण की मूर्तियां शामिल हैं। पशु, महिला-पुरुष की टेराकोटा मूर्तियां भी हैं। वापस की गई चीजों में भगवान विष्णु की कलाकृतियां भी हैं।
  • इनमें से बहुत सी कलाकृतियों को तस्करी और दूसरे तरीकों से देश के बाहर ले जाया गया। ये विरासत को खत्म करने जैसा है। पिछले कई सालों में इनकी घर वापसी हुई है। मुझे विश्वास है जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया भी उसका सम्मान करती है। इसलिए आज विश्व के कई देश हमारी कलाकृतियों को वापस दे रहे हैं।
  • संथाली को डिजीटल इनोवेशन से नई पहचान देने का प्रयास किया गया है। भारत के अलावा नेपाल भूटान और बांग्लादेश में इसे बोलने वाले मौजूद हैं। ओडिशा के मयूरभंज के रामजी ने एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया है, जहां संथाली भाषा का साहित्य पढ़ा जा सकता है। जब उन्होंने मोबाइल का इस्तेमाल शुरू किया तो उन्हें यह दुख हुआ कि संथाली को लेकर उसमें कुछ नहीं था।
  • इस महीने एक और महत्वपूर्ण अभियान के 10 साल पूरे हुए हैं। मैं बात कर रहा हूं ‘मेक इन इंडिया’ की। आज मुझे ये देखकर बहुत खुशी मिलती है कि गरीब, मध्यम वर्ग और MSME को इस अभियान से बहुत फायदा मिल रहा है।
  • त्योहारों के इस मौसम में आप फिर से अपना पुराना संकल्प भी जरूर दोहराइए। कुछ भी खरीदेंगे, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए, कुछ भी गिफ्ट देंगे, वो भी मेड इन इंडिया ही होना चाहिए।
  • जब हमारे दृढ़ संकल्प के साथ सामूहिक भागीदारी का संगम होता है तो पूरे समाज के लिए अदभुत नतीजे सामने आते हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण है ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान। ये अदभुत अभियान रहा। पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किए गए इस अभियान में देश के कोने-कोने में लोगों ने कमाल कर दिखाया है।
  • ऐसा ही उदाहरण है तेलंगाना के केएन राजशेखर का, पेड़ लगाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता हम सबको हैरान कर देती है। करीब 4 साल पहले उन्होंने मुहिम शुरू की- हर रोज एक पेड़ लगाएंगे। कठोर व्रत की तरह इसका पालन किया। वे आज 1500 से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। बड़ी बात ये है कि एक हादसे का शिकार होने के बावजूद वे संकल्प से डिगे नहीं।
  • पहला एपिसोड टेलीकास्ट होने के एक हफ्ते के अंदर 125% तक बढ़ गया था। पीएम ने खादी खरीदने की अपील की थी।
  • 2015 में पूर्व अमेरिकी प्रधानमंत्री बराक ओबामा ने भी शो अपनी बात रखी थी।
  • अप्रैल 2023 में मन की बात का 100वां एपिसोड का टेलीकास्ट यूनाइडेट नेशन हेडक्वॉर्टर न्यूयॉर्क में भी हुआ था।
  • 27 करोड़ लोग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, 6 करोड़ लोग डिजीटली मन की बात को सुनते हैं। 130 से ज्यादा टीवी चैनल और 800 से ज्यादा रेडियो स्टेशन इस शो को टेलीकास्ट करते हैं।

मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं।

मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने मन की बात के 113वें एपिसोड में कहा था कि परिवारवादी राजनीति नई प्रतिभाओं का दमन करती है। बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले युवाओं का राजनीति में आने से लोकतंत्र मजबूत होगा।

उन्होंने कहा था- स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लालकिले से बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले 1 लाख लोगों को पॉलिटिकल सिस्टम से जुड़ने की बात कही थी। हमारे युवा राजनीति में आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है।

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