धान खरीदी खत्म, उठाव की बढ़ी परेशानी, नुकसान को लेकर कौन होगा जिम्मेदार?

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धान खरीदी खत्म, उठाव की बढ़ी परेशानी, नुकसान को लेकर कौन होगा जिम्मेदार?

रायपुर – छत्तीसगढ़ में धान खरीदी खत्म हो चुकी है। प्रदेश के कई जिले के अधिकांश खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं हो पा रहा है जिसके कारण समितियों में एक बड़ी समस्या नजर आ रहा है जिसकी बानगी भी देखने को मिल रही है।

प्रदेश के सक्ती जिले में धान उठाव की स्थिति काफी चिंताजनक हो चुकी है। खरीदी केंद्र प्रभारी एवं समितियां उठाव को लेकर लगातार जिला प्रशासन से गुहार लगा रही है। समिति द्वारा मांग पूरी नहीं होने पर पिछले दिनों एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर प्रशासन को फिर से अवगत कराते हुए जल्द उठाव करने की मांग की है।

हालांकि हड़ताल होने के बाद जिला प्रशासन एवं जिम्मेदार विभाग द्वारा धान के उठाओ को लेकर डीओ जारी करने जुट गई है जिससे धान उठाओ भी होनी शुरू हो गई है। लेकिन जारी हो रहे डीओ से समितियां संतुष्ट नजर नहीं आ रही है। इसी बीच एक और खबर आ रही है कि सक्ती जिले के धान खरीदी केंद्र देवरमाल जिले के टॉप टेन सूची में सबसे प्रथम स्थान पर है जहां सबसे अधिक मात्रा में धान का रखा हुआ है जिसके उठाव को लेकर समिति ने जिला विपणन अधिकारी को पत्र सौपते हुए जल्द ही उठाव करने की मांग की है।

समिति द्वारा जिला विपणन अधिकारी को सौपे गए पत्र में लिखा है कि प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित देवरमाल पंजीयन क्रमांक 1062 के धान खरीदी केंद्र में इस वर्ष कुल धान खरीदी 60729.60 क्विंटल खरीदी की गई थी जिसमें से लगभग 22700 क्विंटल धान का उठा हो चुका है। लेकिन वर्तमान में खरीदी केंद्र में लगभग 38029.60 क्विंटल धान अभी भी परिवहन हेतु शेष है।

चूकि देवरामाल खरीदी केंद्र में अब तक ना तो शेड का निर्माण कराया गया है और ना ही धान को रखने के लिए चबूतरा बनाया गया है जिसके कारण सीधे जमीन पर ही धान की बोरियों को स्टेकिंग कर रखा गया है। वही बेमौसम बारिश होने से, धूप से, चूहा और कीड़े से धान एवं बरदाना दोनों ही खराब हो रहा है और सुख भी रहा है जिससे भारी नुकसान की भी संभावना है।

समिति का कहना है कि जिस तरह से धान उठाओ को लेकर 72 घंटे का निर्देश विभाग द्वारा दिया गया है वह कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि लगभग 40 दिन हो गए हैं एक भी डीओ अब तक नहीं काटा गया है जबकि बफर लिमिट मात्र 6733 क्विंटल है जबकि वर्तमान में लगभग 6 गुना धान रखा हुआ है। उन्होंने पत्र के माध्यम से मांग करते हुए लिखा है कि जल्द ही डीओ जारी कर उक्त धान का उठाव करने मांग किया है। समय पर धान का उठाव नहीं होने से 0% का लक्ष्य कर पाना संभव नहीं है, इसलिए जो भी शॉर्टेज होगी उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी समिति जवाबदारी नहीं होगा।

इस संदर्भ में जिला विपणन अधिकारी से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि विभाग गंभीरता पूर्वक धान उठाव को लेकर कार्रवाई कर रही है। तत्काल में जहां-जहां अधिक मात्रा में धान रखा हुआ है वहां के लिए शीघ्र ही डीओ जारी किया गया है, जहां अधिक मात्रा में धान रखा हुआ है उसे प्राथमिकता में रखते हुए उठाव की कार्रवाई की जाएगी।

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