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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), यानी वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन से जुड़ी सुनवाई के दौरान बड़ा बयान दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, इसके लिए फॉर्म को फिजिकली जमा करना जरूरी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फॉर्म-6 में बताए गए 11 दस्तावेजों में से कोई भी प्रस्तुत किया जा सकता है। इनमें आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासबुक और पानी का बिल जैसे दस्तावेज शामिल हैं। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर सवाल
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि राज्य की 12 पॉलिटिकल पार्टियों में से केवल 3 ही कोर्ट में मौजूद हैं। कोर्ट ने पूछा कि वोटर्स की मदद के लिए राजनीतिक दल आखिर क्या कर रहे हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट होने के बावजूद, राजनीतिक दलों की ओर से केवल दो आपत्तियां ही दर्ज कराई गईं। यह लापरवाही गंभीर है।

