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कंचनपुर। श्रीधाम वृंदावन से पधारी राष्ट्रीय कथा वाचिका पूज्या सुमन किशोरी जी के द्वारा चल रही श्रीमद देवी भागवत पुराण कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने अद्भुत प्रसंगों का श्रवण किया। कथा की शुरुआत देवी की आराधना से हुई, जिसके बाद राजा जन्मेजय और महर्षि व्यास संवाद का वर्णन प्रस्तुत किया गया।
जन्मेजय ने व्यास जी से प्रश्न किया कि जब भगवान विष्णु ने वासुदेव के पुत्र रूप में अवतार लिया और वे पराक्रमी तथा न्यायप्रिय राजा थे, तो उन्हें कारागार का कष्ट क्यों सहना पड़ा। अनक दुंदुभि नाम से प्रसिद्ध और देवताओं द्वारा पूजित वासुदेव को जीवन में इतने संकट क्यों झेलने पड़े?
पूज्या सुमन किशोरी जी ने सहज और सरल शैली में इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए वासुदेव के जीवन संघर्ष और श्रीकृष्ण जन्म की कथा विस्तार से सुनाई। कथा के दौरान वातावरण भक्तिमय हो उठा।
किशोरी जी के मधुर वाणी में प्रस्तुत प्रसंगों को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए और कथा श्रवण का आनंद लेते हुए झूम उठे।