|
Getting your Trinity Audio player ready...
|
कोलकाता, 9 नवंबर: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान लापरवाही बरतने पर निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को आयोग ने आठ बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLOs) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि ये अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं को फॉर्म देने के बजाय चाय की दुकानों, स्थानीय क्लबों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से फॉर्म वितरित कर रहे थे।
निर्वाचन आयोग का सख्त निर्देश:
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार, आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में आयोग ने ‘बिहार मॉडल’ अपनाने के निर्देश जारी किए हैं। इस मॉडल के तहत हर BLO को स्वयं मतदाताओं के घर जाकर फॉर्म वितरित और एकत्र करने की जिम्मेदारी निभानी होती है।
प्रक्रिया पालन पर जोर:
निर्वाचन आयोग ने राज्य के सभी जिलों में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सख्त निगरानी रखने और सुनिश्चित करने को कहा है कि हर पात्र नागरिक का नाम सही तरीके से मतदाता सूची में दर्ज हो। अधिकारियों ने बताया कि घर-घर जाकर सत्यापन करने से न केवल पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि फर्जी नामों की संभावना भी कम हो जाती है।
जवाब तलब:
नोटिस पाए आठ बीएलओ से आयोग ने पूछा है कि उन्होंने निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन क्यों किया और मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर लापरवाही क्यों बरती। सभी से निर्धारित समय सीमा में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

