अमृत सरोवर से अमृत गायब, लाखों खर्च करने के बाद भी लोगों को नहीं मिला लाभ… पढ़े पूरी खबर..
रायपुर-:वर्ष 2022 को देश के आजादी की 75 वर्षगांठ को आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष के रूप में केन्द्र सरकार पूरे देश भर में मनाने का घोषणा किया था साथ ही केन्द्र सरकार इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या और लोगों की निस्तारी के लिए “अमृत सरोवर” योजना का शुभारंभ किया गया इस योजना से ग्रामीण जनों की निस्तारी के लिए नया तालाब निर्माण करने के लिए चयनित ग्राम पंचायतों में राशि स्वीकृति प्रदान की गई! लेकिन निर्माण कार्य में जिम्मेदार लोगों के द्वारा मिली भगत कर स्वीकृत राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है!
एक ऐसा ही मामला कोरबा जिला के करतला जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तुमान से आ रही है केन्द्र सरकार की “अमृत सरोवर” योजना के अंतर्गत नया तालाब निर्माण के लिए वर्ष 2022 में कुल 19.413 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी जिसकी कार्य ऐजेंशी ग्राम पंचायत तुमान को मिली थी, लेकिन सरपंच, सचिव द्वारा अधिकारीयों से मिलीभगत कर तुमान हाई स्कूल के सामने पुराने तालाब में पूरे राशि को खर्च कर दिया गया! लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी आज उस तालाब में एक बूंद पानी नहीं है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में यह महत्वपूर्ण योजना है ,शब्द से ही लगता है “अमृत “जैसे जीव जंतु के जीवन और सृष्टि के लिए पानी का होना अमूल्य है, पानी के बगैर सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती!लेकिन जिम्मेदार लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता!
केन्द्र और राज्य की सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की विकास के लिए अनेकों महत्वाकांक्षी योजना बनाकर काम कर रही है लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन जिम्मेदार लोग ही अपने व्यक्तिगत फायदा के लिए गाँव के विकास के लिए स्वीकृत राशि का दुरूपयोग और बंदरबांट करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं!