नागपुर में धूम से मनाई गई जश्ने आजादी,ध्वजारोहण, प्रभातफेरी को लेकर बच्चे रहे उत्साहित

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नागपुर: वर्ष 1947 की 15 तारीख थी,और अगस्त का महीना था। अंग्रेजो की गुलामी से हम भारत वासियों को मुक्ति मिल गई थी।लाल किले पर तिरंगा फड़क रहा था।जो आज तक उसी आन बान और शान के साथ मदमस्त हो कर झूम रहा हैं। आज 15 अगस्त 2024 हैं। महाराष्ट्र राज्य की उप राजधानी नागपुर शहर में सर्वत्र जश्न का माहौल हैं।
नागपुर शहर के सभी सरकारकारी,नीम सरकारी,और निजी कार्यालों,व्यापारिक प्रतिष्ठानों,मंदिरों मदरसों,तथा शिक्षण संस्थानों में तिरंगा फहराया गया हैं।सलामी दे कर राष्ट्रगीत और कौमी तराने प्रस्तुत किए गए।यहां पुलिस के सभी थानों और चौकियों में झंडावंदन किया गया।शहर की सभी स्कूलों,और कॉलेजों में विद्यार्थियों ने नित नए अंदाज में देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।

शहर के सभी चुराहों और इलाकों, मोमिनपुरा,भालदार पूरा,महल,इतवारी,गांजा खेत,हंसापूरी,गिट्टी खदान, जाफर नगर, अहबाब कॉलोनी,फरीद नगर,बाबा बगदादिया नगर,बजाज नगर,रवि नगर,शंकर नगर,इतवारी, सदर, छावनी,टेका,पीली नदी,उप्पल वाडी,भानखेड़ा,जरीपटका, ताजाबाद शरीफ,हसन बाग,कमाल चौक,जैसे सभी इलाकों में आजादी का जश्न उत्साह के साथ मनाया गया।भानखेड़ा स्थित नेचरो पेथी सेंटर में अब्दुल्लाह भाई द्वारा बलून गेट आकर्षण का केंद्र बना रहा।युवा वर्ग और बच्चों में उत्साह देखते ही बन रहा था।
सरकारी,नीम सरकारी,और निजी स्कूलों की इमारतों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।नागपुर के विख्यात हजरत बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहे के आस्ताने पर आने वालों की संख्या भी बड़ गई थी।वहीं शक्कर दरह में वंदे मातरम् गीत गायन का आयोजन किया गया था।

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