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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। शिकारियों की वजह से भालू जैसा खतरनाक जानवर भी जंगल में सुरक्षित नहीं है. मरवाही वन मंडल के उषाड़ बीट में भालू का क्षत-विक्षत शव मिला है. मृत भालू के अंग गायब हैं, इससे शिकार किए जाने की आशंका जताई जा रही है.
मामला मनेंद्रगढ़ वनमंडल और मरवाही वनमंडल की सीमा पर मरवाही वन परिक्षेत्र के उषाड़ बीट का है, जहां करीब 8 से 10 दिन पुराना भालू का शव मिला है, जिसकी अब वन विभाग को जाकर भनक लगी है. भालू के मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम के बाद ही हो पाएगा.
न क्षेत्र में सक्रिय शिकारियों पर कार्रवाई करना तो दूर शिकार हो रहे जानवरों की भनक दिनों-दिन नहीं लगने से वन विभाग कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. डीएफओ रौनक गोयल ने भालू के शव मिलने की पुष्टि की है.
दो महीने पहले मादा भालू को फंसाया था जाल में
बता दें कि दो महीने पहले गंगनई नेचर कैंप सालेकोटा के जंगल में मादा भालू शिकारी के जाल में फंसी हुई पाई गई थी. स्थानीय युवकों ने भालू को जब तक जाल से निकाल पाते तब तक उसकी दम घुटने से मौत हो गई थी. वहीं मौके पर मौजूद मादा भालू के 8 महीने के नर शावक को सुरक्षित बचा लिया.
मरवाही वनमंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने 8 से 9 साल की मादा भालू की मौत का कारण क्लच वायर से फंसने के चलते दम घुटना बताया था. घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने मामले में चार शिकारियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पूछताछ में क्षेत्र में जाल लगाने की बात स्वीकार की. सभी आरोपी स्थानीय निवासी थे, जिनके पास से तार, रस्सी और अन्य शिकार के उपकरण बरामद किए गए थे.