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कोरबा/कोरबी-चोटिया। कोरबा जिले के सीमांत क्षेत्र कोरबी चौकी में 27 जुलाई को गुमशुदा हुई सविता राजवाड़े का मामला हत्या और सामूहिक दुष्कर्म में तब्दील हो गया है। लगभग 23 दिन बाद लालपुर जंगल के ठेंगुर नाला से पुलिस ने सविता का कंकाल बरामद किया।
घटनास्थल पर एफएसएल टीम कोरबा से वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सत्यजीत कोसरिया, पसान थाना प्रभारी श्रवण विश्वकर्मा और ग्रामीणों की मौजूदगी में कंकाल का अवलोकन किया गया। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए अवशेष अपने सुपुर्द किया।
कोरबी चौकी प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार जोगी ने बताया कि लालपुर निवासी उमेंद्र पिता श्रीराम बिंझिया और उसके साथी संत राम पिता स्वयंबर ने सविता की हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया था। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन में लगातार जांच की जा रही थी। मुखबिर की सूचना और मृतका के पति समेलाल राजवाड़े के सहयोग से मुख्य आरोपी उमेंद्र को हिरासत में लिया गया, जिसने पूछताछ में पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।
आरोपी की निशानदेही पर कंकाल और अन्य सामान बरामद कर जब्त किए गए।
घटना का सिलसिला
27 जुलाई को सविता सरकारी सोसायटी से चावल और शक्कर लेने गई थी। करीब 11 बजे सामान लेने के बाद उसने अपने पूर्व प्रेमी उमेंद्र प्रसाद को घर छोड़ने बुलाया। उमेंद्र बाइक से पहुंचा और रास्ते में जंगल के पास सविता के साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद उसने अपने दो अन्य साथियों को भी जबरन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
सामूहिक दुष्कर्म के बाद जब सविता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही, तो आरोपियों ने उसके ही गमछे से गला दबाकर हत्या कर दी। शव को बोरे में भरकर नाले में फेंक दिया और सभी आरोपी घर लौट गए।
इधर, जब सविता घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने तलाश की और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के दौरान दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है। तीसरे आरोपी की तलाश जारी है।