मोदी बोले- खूबसूरत कश्मीर को परिवारवाद ने खोखला किया:एक तरफ तीन खानदान, दूसरी तरफ सपने लेकर निकले नौजवान हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (14 सितंबर) को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए डोडा पहुंचे। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा- हम और आप मिलकर एक सुरक्षित कश्मीर का निर्माण करेंगे, ये मोदी की गारंटी है। इस बार जम्मू-कश्मीर का चुनाव भाग्य तय करने वाला है।

आजादी के बाद से ही हमारा प्यारा जम्मू-कश्मीर विदेशी ताकतों के निशाने पर रहा है। इसके बाद इस खूबसूरत राज्य को परिवारवाद ने खोखला करना शुरू कर दिया है। यहां जिन राजनीतिक दलों पर आपने भरोसा किया, उन्होंने आपके बच्चों की चिंता नहीं की। उन दलों ने सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया।

इस रैली से मोदी चिनाब घाटी के तीन जिलों, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन की 8 विधानसभा सीटों के भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट अपील करेंगे। 18 सितंबर को चुनाव के पहले फेज में इन 8 सीटों सहित 24 सीटों पर वोटिंग होगी।

डोडा में 42 सालों के दौरान किसी प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होने वाली है। इससे पहले 1982 में इंदिरा गांधी डोडा गई थीं। पीएम मोदी 2014 के विधानसभा चुनाव में किश्तवाड़ तक गए थे। यह डोडा से लगभग 58 किलोमीटर दूर है।

जम्मू-कश्मीर के नौजवान आतंकवाद में पिसते रहे। आपको गुमराह करके ये लोग मौज काटते रहे। इन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में नए नेतृत्व को कहीं भी, कभी भी उभरने नहीं दिया। यहां पंचायत के चुनाव 2000 के बाद नहीं हुए थे। यह बीडीसी के चुनाव कभी नहीं हुए थे। दशकों तक यहां परिवारवाद ने यहां के होनहार नौजवानों को आगे नहीं आने दिया। इसीलिए 2014 में सरकार में आने के बाद मैंने जम्मू-कश्मीर में नौजवानों की नई लीडरशिप को आगे लाने का प्रयास किया है। 2018 में यहां पंचायत के चुनाव कराए गए। 2020 में पहली बार बीडीसी के चुनाव कराए गए। कोशिश थी कि डेमोक्रेसी जमीन तक पहुंचे। युवा आगे बढ़ें।

 प्रधानमंत्री मोदी के दौरे और घाटी में हालिया आतंकी घटनाओं को देखते हुए डोडा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किश्तवाड़, भदरवाह और डोडा से आने वाली गाड़ियों को डोडा पुल के पास रोक जा रहा है। पूरे इलाके की ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है। स्टेडियम के आस-पास के घरों की छतों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

 जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।

90 सीटों के लिए तीन फेज में वोटिंग होगी। 18 सितंबर पहले फेज, 25 सितंबर को दूसरे फेज और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।

 भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चत्तरू में शुक्रवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में सेना के 2 जवान शहीद हो गए। इनकी पहचान व्हाइट नाइट कॉर्प्स के नायब सूबेदार विपिन कुमार और सिपाही अरविंद सिंह के रूप में हुई है। 2 और घायल जवानों का इलाज चल रहा है। सुरक्षाबलों ने पिंगनल दुगड्डा के जंगलों में छिपे 3-4 आतंकियों को घेर रखा है। मुठभेड़ अभी भी जारी है।

चुनाव के 6 दिन पहले कुपवाड़ा, कुलगाम और पुलवामा जिले में गुरुवार,12 सितंबर को आतंकियों के 3 ठिकानों को खोज निकाला। कुपवाड़ा से भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किया। वहीं, कुलगाम, पुलवामा में सिर्फ ठिकाने का पता चला। कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकियों ने पेड़ की जड़ में गड्ढा खोदकर बनाया था। जड़ में 5 से 6 फीट जगह मिली।

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