‘Mission Thyroid Campaign’ started in the state, Phua Thyroid OPD started in different cities
नागपुर- आधुनिक दौर में लोगों की जीवन शैली में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव और बदलाव देखने को मिलते हैं, इस भागदौड़ और थकान भरी जीवनशैली के कारण अधिकतर कई लोगों में थायराइड की समस्या जन्म लेती है। थायराइड से संबंधित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के तहत मरीजों की देखभाल के लिए मिशन थायराइड अभियान नागपुर सहित राज्य के और भी विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे हैं।
नागपुर के इंदिरा गांधी सरकारी चिकित्सा अस्पताल में ‘मिशन थायराइड’ के तहत 30 मार्च को थायराइड ओपीडी का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्घाटन चिकित्सा निदेशक डॉ मिलिंद पाटिल ने किया। उद्घाटन का कार्य कई प्रमुख चिकित्सकों की उपस्थिति में हुआ, जिनमें चिकित्सा अधीक्षक डॉ राधा मुंजे, मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ दीप्ति चांद, डॉ शोभना बीटे, नोडल अधिकारी, नाक कान और गले की प्रमुख डॉक्टर वेदी, पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर कोवे, डॉ माधुरी, डॉक्टर मृणाल हरदास, डॉक्टर राखी जोशी, डॉ विपिन आदि गणमान्य व्यक्ति प्रमुख थे।
बताया जा रहा है कि मिशन थायराइड के तहत चिकित्सा विभाग में प्रत्येक सप्ताह गुरुवार की दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कक्ष क्रमांक 15 में थायराइड की ओपीडी जारी रहेगी। आवश्यक जांच एवं दवा उपलब्ध कराने के लिए मेडिसिन, सर्जरी, कान, नाक, गला एवं सोनोग्राफी विभाग के चिकित्सक मौजूद रहेंगे।
ओपीडी में उपस्थित चिकित्सकों की घोषणा डॉ मिलिंद फूल पाटिल, चिकित्सा सह निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक डॉ राधा मूंजे ने किया। मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ दीप्ति चांद ने कहा कि आम लोगों में थायराइड की जानकारी उपलब्ध कराना एवं सभी संबंधित सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध कराना यही मिशन थायराइड का मुख्य उद्देश्य है। नाक कान और गले के प्रमुख डॉक्टर वेदी ने कहा थायराइड ओपीडी में थायराइड कैंसर का जल्द पता लगाकर जल्दी कैंसर का उपचार कराना यह भी मिशन का लक्ष्य होगा।
एसोसिएट प्रोफेसर और नोडल अधिकारी चिकित्सा विभाग डॉ शोभना ने बताया, थायराइड से संबंधित बीमारी के लक्षण शुरू में वजन बढ़ना, सुस्ती आना, बालों का झड़ना और गर्दन के आगे गांठ होना आदि हैं। यदि इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह ह्रदय के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड अधिक देखा गया है, जिसके परिणाम स्वरूप बांझपन, बार-बार गर्भपात और मासिक धर्म की अनियमितता होती है। अधिक नजरअंदाज करने पर थायराइड गर्भ में पल रहे शिशु के बौद्धिक विकास को भी प्रभावित करता है। समस्त चिकित्सा विभाग ने आग्रह किया कि अधिक से अधिक मरीज थायराइड ओपीडी का प्रयोग करें।