अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, तथा अल्पसंख्यक समुदाय के हित एवं संरक्षण हेतु जनकल्याणकारी योजनाओ में समानुपतिक हिस्सेदारी प्रदान के लिए निम्न चार सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन करते हुए महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी के नाम से तहसीलदार महोदय जी को ज्ञापन सौंपा गया मान सम्मान स्वाभिमान कि संवैधानिक लड़ाई में भीम आर्मी प्रदेश महासचिव तुलेश दास महंत जी, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष सुशील अनंत जी, ओबीसी महासभा जिला अध्यक्ष सनीराम साहू जी, तुला राम साहू जी, निषाद समाज के ब्लॉक अध्यक्ष वेदनाथ निषाद जी, भीम आर्मी वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष खगेश निराला जी, जिला उपाध्यक्ष अमित जायसवाल जी, जिला महासचिव राजू रात्रे जी, जिला महासचिव अजय खूंटे जी, जिला महासचिव मनोज जांगड़े जी, जिला सचिव सुमन जी,जिला मीडिया प्रभारी वासु बजाज जी, कोषाध्यक्ष अमित कुर्रे जी, सारंगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष निर्मल निराला जी, बिलाईगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष लोकेश प्रेमी जी, सारंगढ़ ब्लॉक सचिव अभय निराला जी, कार्यकर्ता राजकुमार वारे, अभिषेक निराला, जनक लहरे एवम अन्य सैकड़ों सदस्यगढ़ उपस्थित रहे!
4 सूत्री मांगों का विष्लेषण इस प्रकार है
1 – 2021 में लंबित जनगणना शीघ्र कराई जाए जिसमें जातिगत जनगणना सुनिश्चित हो, तथा अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और अल्पसंख्यक समुदाय पृथक कोड निर्धारित हो , उक्त आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जानें का अनुरोध है!
2- मंडल कमीशन की सभी सिफ़ारिश को पुर्ण रूप से लागू किया जाए, उक्त आशय का प्रस्ताव को केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जानें का उद्देश्य सम्मिलित है!
3- छतीसगढ़ में पारित 2 दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक में महामहिम राज्यपाल का हस्ताक्षर किए जाएं, उक्त आशय का प्रस्ताव राज्य तथा केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जानें का प्रस्ताव सामिल है!
4- छत्तीसगढ़ में पेशा कानून को पुर्ण रूप से लागू किया जाए और जल जंगल जमीन प्रकृति के रखवालेआदिवासियों को जल जंगल जमीन का मलिक बनाया जाएं, उक्त आशय का प्रस्ताव राज्य और केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जानें का मांग सामिल है!
वही भीम आर्मी के जिला उपाध्यक्ष अमित जायसवाल ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तो आगामी हम इस मुद्दे को पूरे राज्य एवं केंद्र स्तर में उठाने का कार्य करेंगे देश में पूरे बहुजन वर्ग के ऊपर हो रहे अन्याय,अत्याचार, शोषण, दमन और तिरस्कार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे!