केते परसा कोल खनन के लिए हसदेव वन क्षेत्र की जंगल कटाई के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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केते परसा कोल खनन के लिए हसदेव वन क्षेत्र की जंगल कटाई के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

सूरजपुर- हसदेव जंगल कट जाने से पर्यावरण पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा। जीव-जन्तु पशु-पक्षी का आसियाना उजड जाएगा पर्यावरण असंतुलन उत्पन्न हो जाएगा और छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज जिनकी जल जंगल जमीन में आत्मा बस्ती है जिस जंगल कटाई को रोकने के लिए शिवसेना(उद्धव गुट) इकाई सूरजपुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों के लगातार विरोध के बावजूद पेड़ों की कटाई की जा रही है. यही कारण है कि हसदेव जंगल का अधिकतर इलाका मैदान में तब्दील हो चुका है. और आदिवासी ग्रामीण, पशु पक्षी, पलायन कर रहे हैं सूरजपुर कोरबा से सरगुजा, झारखंड और ओडिशा की सीमा तक फैले हसदेव अरण्य को मध्य भारत का फेफड़ा कहा जाता है।

शिवसेना(उद्धव गुट) ने सरकार से अपील की है हसदेव जंगल को काटना बंद करें खास तौर पर छत्तीसगढ़ के मुखिया आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री बने हैं और इस आदिवासी समुदाय का विस्थापन करने के लिए अडानी और प्रशासन के द्वारा पेड़ की कटाई की जा रही है। यह गलत व निंदनीय है, ऐसे में छत्तीसगढ़ के जंगलों में हजारों सालों से आदिवासी समुदाय निवासरत है वह किस सरकार पर विश्वास करे। छत्तीसगढ़ के मुखिया ही हसदेव जंगल को बचाने के लिए कड़ी कदम उठाए और इस पर रोक लगाए ताकि छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगल की कटाई बंद हो जाए और छत्तीसगढ़ हरियाली समृद्ध छत्तीसगढ़ बन सके।

ज्ञापन सौपने में जिला अध्यक्ष विष्णु वैष्णव, नगर अध्यक्ष आर. एस पटेल, ब्लॉक अध्यक्ष आनंद देवांगन, भुवन राम यादव, पिंकी पटेल, कृष्णा सिंह, कौशिल्या, सरोज, मोहन सिंह, अर्जुन वैष्णव, अजय राजवाड़े, जितेंद्र राजवाड़े, दिग्विजय सिंह, सत्यदेव देवांगन, सुखदेव, सुरेंद्र, अजय कुमार तोहिद आलम महेश सांवरा व अन्य शिव सैनिक शामिल रहे।

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