चंडीगढ़। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के कस्टडी इंटरव्यू के मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए 7 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें डीएसपी से लेकर हेड कांस्टेबल तक के अधिकारी शामिल हैं। यह कार्रवाई पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट के बाद की गई है, जिसमें अधिकारियों पर ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप पाया गया।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह ने शुक्रवार देर शाम आदेश जारी कर इन सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया। सस्पेंड होने वालों में डीएसपी गुरशेर सिंह (9 बटालियन अमृतसर), डीएसपी समर वनीत, सब-इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में), सब-इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में), सब-इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF में), एएसआई मुखत्यार सिंह और हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं।
दो इंटरव्यू का खुलासा, SIT जांच में हुई पुष्टि
लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू वायरल हुए थे, जिसमें पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ, जब लॉरेंस को पंजाब के CIA खरड़ में रखा गया था। इस इंटरव्यू में उसने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाने की बात कबूल की थी, यह कहते हुए कि मूसेवाला गैंगवार में घुसने की कोशिश कर रहा था। दूसरा इंटरव्यू जयपुर सेंट्रल जेल में हुआ, जिसमें उसने जेल के अंदर से कॉल करने और बैरक में मोबाइल उपलब्ध होने का खुलासा किया।
जेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल, लॉरेंस के खुलासों ने बढ़ाई चिंता
लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में बताया कि जेल के भीतर से मोबाइल कैसे उसकी पहुंच में आते हैं। उसने यह भी कहा कि रात के समय जेल के गार्ड्स की गतिविधियाँ कम होती हैं, जिससे वह आसानी से कॉल कर पाता है। लॉरेंस ने यह भी दावा किया कि मोबाइल उसे जेल स्टाफ द्वारा नहीं, बल्कि बाहर से अंदर फेंके जाते हैं।
सरकार ने दिया सख्त कार्रवाई का संकेत
लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के सामने आने के बाद पंजाब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। गृह विभाग ने स्पष्ट किया कि लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।