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Madvi Hidma Controversy : रायपुर। यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रीति मांझी एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बड़े विवादों में घिर गई हैं। उन्होंने हाल ही में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा के समर्थन में एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने उसे “लाल सलाम कामरेड हिड़मा” लिखकर श्रद्धांजलि दी है।यह पोस्ट राजनीतिक गलियारों में तीव्र हलचल पैदा कर रहा है और कांग्रेस पार्टी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो गई है।
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कौन था माड़वी हिड़मा?
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टॉप कमांडर: माड़वी हिड़मा बस्तर क्षेत्र में माओवादी संगठन का शीर्ष कमांडर और सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर था।
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नरसंहारों का मास्टरमाइंड: सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हिड़मा पर 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों और नरसंहारों का मास्टरमाइंड होने का आरोप था।
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झीरम घाटी हमला: वह झीरम घाटी हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी भी माना जाता था। इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के कई शीर्ष नेता शहीद हुए थे, जिनमें विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल और महेंद्र कर्मा जैसे दिग्गज शामिल थे।
कांग्रेस नेत्री के पोस्ट पर उठे सवाल
प्रीति मांझी का यह विवादित पोस्ट इसलिए और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि हिड़मा उस हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें उनकी अपनी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मारे गए थे।
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राजनीतिक विरोध: भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस पोस्ट को लेकर कांग्रेस पार्टी पर तीखे हमले किए हैं और पूछा है कि क्या पार्टी नक्सली विचारधारा का समर्थन करती है?
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सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी: कुख्यात नक्सली के समर्थन में सार्वजनिक मंच पर श्रद्धांजलि दिए जाने को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।
प्रीति मांझी की चुप्पी
विवाद बढ़ने के बावजूद, प्रीति मांझी की ओर से अभी तक इस पोस्ट को लेकर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण या बयान सामने नहीं आया है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी इस संवेदनशील मुद्दे पर मौखिक चुप्पी बनाए रखी है, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।यह घटना दर्शाती है कि नक्सली हिंसा और उससे जुड़े विचारधारात्मक समर्थन जैसे संवेदनशील विषयों पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बयान कितनी जल्दी बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं।

