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राजस्थान के कोटा से एक दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है, जिसने सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश की है। यहां 40 साल पुराने हिंदू-मुस्लिम दो दोस्तों ने अपने बेटों की शादी एक ही मंच पर करवाकर समाज को एक नई दिशा दी है। इस अनोखी शादी ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
एक कार्ड, दो धर्म, एक मंच पर तीन दिन चला आयोजन
कोटा निवासी अब्दुल रऊफ अंसारी और विश्वजीत चक्रवर्ती की दोस्ती पिछले चार दशकों से चली आ रही है। जब उनके बेटों यूनूस परवेज अंसारी और सौरभ चक्रवर्ती की शादी की बारी आई, तो दोनों परिवारों ने साथ मिलकर एक ऐसा आयोजन किया, जिसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। दोनों ने एक ही शादी कार्ड छपवाया, जिसमें हिंदी और उर्दू दोनों में शादी और निकाह की जानकारी दी गई।
इस आयोजन को “उत्सव-ए-शादी” नाम दिया गया। 17 अप्रैल को यूनूस परवेज ने इस्लामिक रिवाज के तहत निकाह पढ़ा, जबकि 18 अप्रैल को सौरभ चक्रवर्ती ने हिंदू परंपरा के अनुसार सात फेरे लिए। इसके बाद 19 अप्रैल को दोनों परिवारों ने संयुक्त रूप से भव्य रिसेप्शन का आयोजन किया।
अस्सी प्रतिशत मेहमान एक जैसे, कार्ड ने बटोरी सुर्खियां
इस तीन दिवसीय आयोजन में दोनों परिवारों के करीब 80% मेहमान समान थे, जिनमें रिश्तेदारों के साथ-साथ व्यापारिक साझेदार और मोहल्ले के लोग शामिल रहे। एक ही वेन्यू, एक ही पंडाल और अलग-अलग धर्मों के रीति-रिवाजों को एक मंच पर देखना लोगों के लिए एक नया अनुभव था।
देशभर में हो रही चर्चा
इस आयोजन का खास आकर्षण था वह अनोखा विवाह कार्ड, जिसमें दोनों धर्मों की शादियों की जानकारी एक साथ दी गई थी। कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और लोग इस भाईचारे की भावना की जमकर तारीफ कर रहे हैं।