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कोरबा। जिले के राजस्व विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। कलेक्टर अजीत बसंत के निर्देश पर हुई जांच में सामने आया कि करीब 34 एकड़ सरकारी जमीन को निजी बताकर दो व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया गया और उसी आधार पर 200 किलोमीटर दूर बैंकों से लाखों का कर्ज लिया गया।
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जांच में पता चला कि इस फर्जीवाड़े में पटवारी जितेंद्र भावे की भूमिका पाई गई है, जिन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है। वहीं, फर्जी जमीन मालिकों के खिलाफ कोरबी चौकी में एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच के अनुसार,
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लालपुर गाँव की 9.034 हेक्टेयर भूमि शिवचरण (पिता इतवारी) के नाम दर्ज कर एक्सिस बैंक दुर्ग से लोन लिया गया।
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घुचापुर गाँव की 4.595 हेक्टेयर भूमि अजय यादव (पिता हीरावन) के नाम दर्ज कर IDFC बैंक बेमेतरा से कर्ज लिया गया।कलेक्टर के निर्देश पर कोरबी चौकी प्रभारी सुरेश कुमार जोगी ने नायब तहसीलदार सुमन दास मानिकपुरी की रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भा.दं.स. की धारा 318(4), 338, 346(3), 340(2) के तहत मामला दर्ज किया है।
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जांच में यह भी साबित हुआ कि दोनों ही व्यक्ति संबंधित गाँवों के निवासी नहीं हैं। आशंका जताई है। वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मामले में बैंकों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।