Monday, September 1, 2025

CJI बन रहे जस्टिस खन्ना ने मॉर्निंग वॉक छोड सिक्योरिटी के साथ जाने से इनकार कहा- इसकी आदत नहीं

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दिल्ली ,CJI डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें चीफ जस्टिस होंगे। वह 11 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेंगे। हालांकि, CJI बनने से पहले ही खन्ना ने मॉर्निंग वॉक बंद कर दी है।

जस्टिस खन्ना दिल्ली में हर सुबह लोधी गार्डन एरिया और अपने घर के आसपास कई किलोमीटर तक अकेले टहलते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि कोई उन्हें पहचान नहीं पाएगा।

अब जब उन्हें CJI की शपथ लेनी है तो जस्टिस खन्ना को सुरक्षाकर्मियों के साथ सुबह की सैर पर जाने की सलाह दी गई है। हालांकि, उन्होंने सिक्योरिटी के साथ जाने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें इसकी आदत नहीं है।

CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे। उससे पहले 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी वर्किंग डे था। CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी। वहीं, शाम को विदाई समारोह रखा गया।

चंद्रचूड़ ने ही सरकार से संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की है। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है।

CJI चंद्रचूड़ के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम है, इसलिए जस्टिस खन्ना का नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा।

64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 फैसले लिखे हैं। इस दौरान वे करीब 275 बेंचों का हिस्सा रहे हैं।

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद, उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया। सुप्रीम कोर्ट जज बनाए जाने से पहले वे दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल तक जज रहे। उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।

32 जजों की अनदेखी करके जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने पर जमकर विवाद हुआ था। 10 जनवरी 2019 को कॉलेजियम ने उनकी जगह जस्टिस माहेश्वरी और वरिष्ठता में 33वें स्थान पर जस्टिस खन्ना को प्रमोट करने का फैसला किया। इसके बाद सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दस्तखत कर दिए थे।

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