जांजगीर: जिले की मदिरा दुकानों में नौकरी दिलाने के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है, जहां पूर्व में लाखों रुपये देकर नौकरी हासिल करने वाले युवाओं से दोबारा धन की मांग की जा रही है। जानकारी के अनुसार, नौकरी के लिए पहले ही दो-दो लाख रुपये अदा कर चुके 11 कर्मचारियों को दोबारा पैसे न देने पर नौकरी से हटा दिया गया। आरोप है कि अजीत सिंह, चंद्रिका चंद्र, कमलेश साहू और गौरव शुक्ला द्वारा यह अवैध वसूली की जा रही है।
इन व्यक्तियों पर आरोप है कि वे प्रति शराब दुकान से ‘वीआईपी खर्च’ के नाम पर 30 से 40 हजार रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं। कई स्थानों पर वसूली की राशि लाखों पर है।
Primeone कम्पनी के कर्मचारियों अजीत सिंह, चंद्रिका चंद्रा, गौरव शुक्ला, कमलेश साहू का नाम आया सामने*
*मदिरा दुकानों में काम के आड़ में वसूली का नया पैतरा*
इसके अलावा, स्थानीय कोचियों से भी पैसों की मांग की जा रही है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ जांजगीर के जिलाधीश को शिकायत दर्ज की गई है, और प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
जिला प्रशासन ने मामले की जांच का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने जिले में अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर ध्यान आकर्षित किया है। जनता और पीड़ित कर्मचारी अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि अवैध वसूली पर सख्त रोक लगाई जाए।