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सक्ती/जैजैपुर। राजस्व प्रकरणों के निपटारे के नाम पर रिश्वतखोरी और दुर्व्यवहार के मामलों में घिरे जैजैपुर तहसीलदार एन.के. सिन्हा पर आखिरकार प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। जनता की बढ़ती नाराजगी और वायरल वीडियो में पीड़ितों के साथ की गई अभद्रता के बाद तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, तहसीलदार एन.के. सिन्हा ने राजस्व प्रकरण के निपटारे के बदले एक पीड़ित से 20 हजार रुपये की मांग की थी। रकम किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करवाई गई। यह न सिर्फ भ्रष्टाचार का खुला उदाहरण था, बल्कि पीड़ितों के साथ किए गए अपमानजनक व्यवहार ने प्रशासन की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई।
मामला सामने आते ही कलेक्टर ने गंभीरता दिखाई और तुरंत तहसीलदार को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा। जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर प्रकरण को संभागायुक्त तक भेजा गया। जांच पूरी होने के बाद संभागायुक्त ने तहसीलदार एन.के. सिन्हा को निलंबित करने के आदेश जारी किए। निलंबन अवधि में उन्हें कलेक्टर कार्यालय से अटैच किया गया है।
जनता के बीच यह कार्रवाई व्यापक रूप से सराही जा रही है। लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश मान रहे हैं। कलेक्टर की तत्परता और संवेदनशीलता ने यह साबित किया कि प्रशासन जवाबदेही से पीछे नहीं हटेगा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि इस निर्णय से आम नागरिकों में विश्वास बढ़ा है और उम्मीद की जा रही है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर आगे भी इसी तरह सख्त कार्रवाई होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जनहित के मामलों में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार और मनमानी सहन नहीं की जाएगी।