जगदलपुर, बस्तर। माहरा समाज के संभागीय संयोजक विनय सोना और समाज के अन्य पदाधिकारियों ने आज जिला पत्रकार संघ भवन में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसमें समाज की प्रमुख मांगों को मीडिया के सामने रखा गया। विनय सोना ने बताया कि माहरा समाज को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किया गया है, लेकिन अब तक समाज को इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है।
विनय सोना ने कहा कि निगम और अन्य चुनावों में माहरा समाज को उनकी जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए ताकि समाज का उत्थान हो सके। इसके साथ ही उन्होंने जगदलपुर के प्रवेश द्वार कुम्हड़ाकोट को जगतु माहरा के नाम पर और धरमपुरा को धरमु माहरा के नाम पर नामकरण की मांग की है।
उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 76-77 सालों के बाद भी माहरा समाज उपेक्षित है, और इसलिए आरक्षण के प्रतिशत में वृद्धि की आवश्यकता है। समाज के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि कोटवार के पदों पर राजनीतिक दबाव के तहत अन्य लोगों की नियुक्ति की जा रही है, जबकि माहरा समाज के सदस्य लंबे समय से इस जिम्मेदारी को निभाते आ रहे हैं।
माहरा समाज ने सरकार से यह मांग की है कि उन्हें पेसा कानून की परिधि में शामिल किया जाए, ताकि समाज को उसके अधिकार और उचित संरक्षण मिल सके।
इस मौके पर समाज के कई महत्वपूर्ण सदस्य मौजूद थे, जिनमें फूलसिंग बघेल, भुवनेश्वर, भारत संतोष कश्यप, अभिजीत सिंह, कन्हैया सोना, अमल, गणेश नागवंशी, दामोदर बघेल, डिकेश गोपाल, कैलाश बघेल, सोमारू नाग और अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।
माहरा समाज ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की है और समाज के हितों की रक्षा के लिए उचित प्रतिनिधित्व की मांग की है।