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पत्थलगांव/जशपुर. जशपुर ज़िला के पत्थलगांव ब्लॉक मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूरी पर मिर्जापुर तमता गांव में वर्षों से सक्रिय एक फर्जी डॉक्टर का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बिना किसी डिग्री, पंजीयन व चिकित्सा योग्यता के यह झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर लोगों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है इस डाक्टर के पास हर बिमारी का एक ही इलाज इंजेक्शन है मिली जानकारी के अनुसार इंजेक्शन से अब तक कई मरीज़ों की हालत गंभीर हो चुकें है फिर भी जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मौन बना हुआ है।
पत्रकारों का स्टिंग ऑपरेशन से बेनकाब हुआ फर्जी डाक्टर…
पूरे प्रकरण की सच्चाई उजागर करने के लिए पत्रकारों की टीम ने मरीज़ बनकर डॉक्टर का स्टिंग ऑपरेशन किया। डॉक्टर ने इलाज के नाम पर 3000 रुपये वसूले और हैरान करने वाली बात है की बिना किसी जांच या मेडिकल प्रक्रिया के सीधे इंजेक्शन लगा दिया। इस पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑडियो क्लिप और भुगतान के डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित किए गए ताकि जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिखा सकें।
BMO के कार्यशैली और जिम्मेदारी पर सुलगते सवाल …
इस फर्जी डाक्टर की जुटाए गए सभी जानकारी जब BMO को दिया गया तब यह उम्मीद की जा रही थी की फर्जी डाक्टर पर तत्काल कार्यवाही होगी उसके क्लिनिक को सील किया जाएगा, उसके खिलाफ FIR दर्ज होगी? लेकिन बीएमओ की ऐसे गंभीर मामले पर भी तोते की तरह रटि रटाई जवाब जांच करवाने के बाद अगर जांच सही पाई जावेगी तो कार्यवाही की जावेगी।कहीं क्षेत्र में BMO की मेहरबानी और उनके रहमोकरम पर तो फर्जी झोलाछाप डाक्टरों का कारोबार तो नहीं फलफूल रहा है?
स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही और उदासीनता से बंद पड़ा है उपस्वास्थ्य केंद्र,..
फर्जी डॉक्टर के पास मरीज़ों की भीड़ लगने का सबसे बड़ा कारण करमी टिकरा उपस्वास्थ्य केंद्र जो महीनों से बंद पड़ा है। जब स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्र इलाज के लिए पहुँचते हैं तो ताला लटका मिलता है मजबूरी में वे इस फर्जी डॉक्टर के पास जाते हैं।सच्चाई है सरकारी स्वास्थ्य सेवा की बदहाली ने झोलाछाप डॉक्टरों के लिए ज़मीन तैयार कर दी है!
जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग को जनता की चेतावनी 72 घंटे में कार्रवाही, नहीं तो होगा आंदोलन…..
ईलाज के नाम पर ग्रामीणों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले इस फर्जी डाक्टर के खिलाफ स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों में जन आक्रोश दहक रहा है और प्रशासन को चेतावनी दी गई है यदि 72 घंटे के भीतर इन तीन मांगों
* झोलाछाप डॉक्टर पर FIR दर्ज की जाए!
* करमी टिकरा उपस्वास्थ्य केंद्र को पुनः चालू किया जाए!
* बीएमओ के विरुद्ध विभागीय जांच प्रारंभ की जाए !
नहीं तो स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ तय रणनीति के तहत व्यापक जनआंदोलन किया जाएगा।