ढाका बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के बाद अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग तेज हो गई है। बांग्लादेशी न्यूज द डेली स्टार के मुताबिक राजधानी ढाका में हजारों लोग राष्ट्रपति भवन के सामने इकट्ठा हुए। वे उनके शेख हसीना के इस्तीफे को लेकर दिए गए बयान से नाराज थे।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि राष्ट्रपति ने अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। उन्होंने 2 दिन के भीतर राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग की। प्रदर्शनकारियों की भीड़ हिंसक होने के बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
भगदड़ में कम से कम 5 लोग घायल हो गए हैं। इन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी उन पर पथराव करने लगे थे, इसलिए उन्होंने सख्ती बरती।
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के बयान का विरोध तेज होते देख आंदोलन से जुड़े दो लीडर हसनत अबदुल्ला और सरजिस आलम मंगलवार रात प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे। उन्होंने लोगों को वहां से चले जाने की अपील की। छात्र नेताओं ने लोगों से वादा किया कि दो दिनों में देश की सत्ता में भारी बदलाव होगा।
छात्र नेता हसनत ने कहा कि वह सेना प्रमुख की मौजूदगी में राजनीतिक दलों से बात करेंगे और गुरुवार तक किसी ऐसे शख्स का चयन करेंगे जो राष्ट्रपति बन सके। उन्होंने कहा कि यदि गुरुवार तक नए राष्ट्रपति को नहीं चुना गया तो वे लोगों के साथ सड़कों पर उतरेंगे।
राष्ट्रपति के इस बयान के बाद अब बांग्लादेश में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या संवैधानिक रूप से शेख हसीना अभी भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। शेख हसीना ने 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ दिया था। वह भागकर भारत आ गई थीं। इसके कुछ दिन बाद उनके बेटे वाजिद जॉय ने दावा किया था कि शेख हसीना अभी भी बांग्लादेश की असल प्रधानमंत्री हैं।
बांग्लादेश के संविधान की धारा 57 (A) के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री किसी भी समय राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर इस्तीफा दे देता है तो देश में PM का पद खाली हो जाएगा। अब इसी को लेकर बांग्लादेश में पेंच फंस गया है। राष्ट्रपति कह रहे हैं कि उनके पास शेख हसीना का त्यागपत्र ही नहीं है।
बांग्लादेश में कानून मंत्री का पद संभाल रहे आसिफ नजरुल ने राष्ट्रपति के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति साफ-साफ झूठ बोल रहे हैं। अगर वे अपने रुख पर कायम रहते हैं तो सरकार को उनके पद पर रहने को लेकर विचार करना चाहिए।
बांग्लादेश में मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उप सचिव अपूर्वा जहांगीर ने कहा कि वे आसिफ नजरूल के बयान से सहमत दिखे। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को हटाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।