आज मनाया जा रहा अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस,आइए जाने क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस

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आज मनाया जा रहा अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस,आइए जाने क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस

नई दिल्ली : एक समय था जब हमारे देश में बाघों की संख्या बहुत ज्यादा थी, लेकिन देखते ही देखते बाघों की संख्या में कमी आते गई और नतीजा यह है कि आज के समय में जंगल में सिर्फ 3900 बाघ ही मौजूद है। एक रिपोर्ट को मानें तो 20वीं सदी की शुरुआत तक करीब 95 प्रतिशत बाघों की आबादी खत्म हो चुकी है। ऐसे में हमें जरूरत है बाघों के संरक्षण के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक होने की, ताकि समय रहते हम इस विलुप्त होती प्रजाति पर नियंत्रण कर सकें।

इसी के मद्देनजर हर साल 29 जुलाई के दिन अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद बाघों की प्रजाति की सुरक्षा एवं संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, बाघों की निरंतर घटती संख्या पर कंट्रोल करना है। ताकि हम एक ऐसे सुनहरे भविष्य की कल्पना करें, जहां मनुष्य के साथ-साथ बाघ भी सुकून से रह सकें।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास

साल 2010 में बाघों की घटती आबादी से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें जिक्र था कि बीती शताब्दी की तुलना में बाघों की तादाद में करीब 97 फीसदी की कमी आई है। यानि साल 2010 तक महज 3,000 बाघ ही विलुप्त होने से बचे थे, लेकिन अभी भी इसमें गिरावट पूरी रफ्तार से जारी थी। ऐसे में इसी के मद्देनजर जरूरत महसूस हुई बाघों के संरक्षण के लिए एक अभियान चलाने की, जिसे ध्यान में रखते हुए साल 2010 में आयोजन हुआ रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन का। यहां तय हुआ कि हर साल 29 जुलाई की तारीख को बाघों की घटती आबादी पर नियंत्रण करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाएगा।

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