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कांकेर। जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर अंतागढ़ विकासखंड के केसालपारा गांव के स्कूली बच्चे हर दिन अपनी जान हथेली पर रखकर पढ़ाई के लिए निकलते हैं। गांव में केवल प्राथमिक स्कूल ही संचालित है, जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा के लिए बच्चों को करीब 3 किलोमीटर दूर कानागांव जाना पड़ता है।
कोरबा में बारिश का कहर, पुलिया बहने से गांवों का संपर्क टूटा
लेकिन इस रास्ते में एक उफनता नाला उनकी सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है। हर रोज लगभग 25 से 30 बच्चे इसी नाले को पार कर स्कूल पहुंचते हैं। खासकर बारिश के मौसम में यह नाला बेहद खतरनाक हो जाता है। तेज बहाव और गहराई बढ़ने से बच्चों का स्कूल जाना असंभव हो जाता है। इस दौरान वे कई-कई दिन पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से इस नाले पर पुल निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम प्रशासन ने नहीं उठाया। बच्चों के परिजन सुबह से शाम तक आशंकित रहते हैं कि कहीं उनका बच्चा इस नाले में हादसे का शिकार न हो जाए।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द पुल निर्माण की मांग की है ताकि बच्चों की शिक्षा और जीवन दोनों सुरक्षित रह सकें। यदि जल्द पहल नहीं हुई तो आने वाले दिनों में लोग सामूहिक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।