आरटीआई अधिनियम से नहीं मिल पा रहा जानकारी.. जिम्मेदारों की कार्यशाली सवालों के घेरे में..

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Information is not available through RTI Act.. Executives of those responsible are under question.

सक्ति/जैजैपुर। जैजैपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के जन सूचना अधिकारी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देने से कतरा रहे हैं, आरटीआई के तहत चाही गई जानकारी के नहीं मिलने से आवेदक जनपद सीईओ के दफ्तर का चक्कर काट रहा है। पूरा मामला जैजैपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत अकलसरा का है जहां संजू चंद्रा द्वारा आरटीआई के तहत ग्राम पंचायत अकलसरा में 1 अप्रैल 2020 से 1 अप्रैल 2023 तक हुए पांचों की मासिक बैठक, समस्त करवाई विवरण पंजी की जानकारी एवं ग्राम पंचायत अकलसरा में 15वें वित्त आयोग द्वारा जारी की गई राशि से कराए गए कार्यों की संपूर्ण जानकारी जन सूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत अकलसरा से मांगा गया है।

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जानकारी के लिए लगाए गए आरटीआई आवेदन को 3 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन आवेदक को अभी तक जन सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी प्रदान नहीं किया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि आवेदक के प्रथम अपील के बाद अपीलीय अधिकारी जैजैपुर जनपद सीईओ वर्षा रानी चिकनजुरी ने 15 दिवस के भीतर चाही गई जानकारी देने जन सूचना अधिकारी अकलसरा पंचायत सचिव को निर्देशित किया बावजूद इसके अपीलार्थी अभी तक जानकारी से वंचित है, पंचायत सचिव के मनमाने रवैया से ऐसा प्रतीत हो रहा मानो उसे अपीलीय अधिकारी के आदेश का कोई महत्व नहीं, पंचायत सचिव द्वारा आदेश का अवहेलना किया गया जिसके बाद भी जनपद सीईओ का सुस्त रवैया अपने कार्यों के प्रति घोर लापरवाही को प्रकट करता है। अपीलीय अधिकारी के लिखित आदेश के बाद भी अपीलार्थी को जानकारी नही मिल पाना जनपद सीईओ और पंचायत सचिव के कार्यशैली पर आनेको सवाल खड़ा कर रहा है।

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पंचायत सचिव को जनपद सीईओ का संरक्षण प्राप्त है

आवेदक संजू चंद्रा का कहना है कि अकलसरा पंचायत में सरपंच, सचिव और जनपद सीईओ की मिलीभगत से भारी भ्रष्टाचार किया गया है जिसे उजागर करने के लिए आवेदक ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगा है। जन सूचना अधिकारी पंचायत सचिव से जानकारी नहीं मिलने पर आवेदक के द्वारा जब प्रथम अपीलीय अधिकारी जनपद सीईओ से अपील किया गया तो अपीलीय अधिकारी ने 28 मार्च को सुनवाई तिथि निर्धारित कर, जन सूचना अधिकारी पंचायत सचिव और अपीलार्थी संजू चंद्रा को निर्धारित तिथि में उपस्थित होने नोटिस जारी किया। जानकारी के अनुसार पंचायत सचिव को निर्धारित तिथि के पहले नोटिस मिल गया और वह सुनवाई के दौरान उपस्थित रहा लेकिन अपीलार्थी को 30 मार्च के दिन नोटिस मिला जो निश्चित ही हैरान करने वाला है। अपीलार्थी की माने तो उसे जानबूझकर निर्धारित तिथि के बाद नोटिस दिया गया ताकि सुनवाई के दौरान वह अनुपस्थित रहे और पंचायत सचिव को बचाया जा सके, अपीलार्थी का सीधे तौर पर आरोप है कि भ्रष्टाचार उजागर होने के डर से जन सूचना अधिकारी को प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा बचाया जा रहा है।

अगर अपीलार्थी को अभी तक जानकारी नहीं मिला है तो वह द्वितीय अपील कर सकता है।

– वर्षा रानी चिकनजुरी
जनपद सीईओ, जैजैपुर

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