झारखंड विधानसभा चुनाव में पहले चरण के तहत 43 सीटों पर मतदान सुबह सात बजे से जारी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज में 683 कैंडिटेट्स मैदान में है। इनमें से 43 महिला उम्मीदवार हैं। 235 करोड़पति हैं, जबकि 174 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सबसे वीआईपी कैंडिडेट राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन हैं। चंपई सरायकेला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चंपई जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद और फिर से सीएम बनने के बाद चंपई नाराज हो गए और भाजपा का दामन थाम लिया था। साथ ही चंपई सोरेन सहित उनका बेटा बाबूलाल सोरेन , पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू भी वीआईपी कैंडिडेट हैं।
सरायकेला विधानसभा सीट से पूर्व सीएम और पूर्व JMM नेता चंपई सोरेन इस बार बीजेपी की ओर से ताल ठोक रहे हैं। चंपई सोरेन जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। चंपई सोरेन जेएमएम के टिकट पर लगातार 6 बार विधायक रहे हैं। हालांकि हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद और फिर से सीएम बनने के बाद चंपई नाराज हो गए और भाजपा का दामन थाम लिया था। कोल्हान की 14 सीटों पर उनका असर है।
घाटशिला विधानसभा सीट से भाजपा ने इस बार पूर्व JMM नेता और पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है। चंपाई सोरेन के साथ उनके बेटे बाबूलाल सोरेन भी बीजेपी का दामन थाम लिया था। बाबूलाल सोरेन को टक्कर राज्य के जल संसाधन मंत्री और जेएमएम उम्मीदवार रामदास सोरेन देंगे। ये सीट रिजर्व सीट है। रामदास अब तक यहां के पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें दो बार वे विजयी हुए हैं। जबकि, बाबूलाल सोरेन पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ये सीट चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन के लिए नाम बचाने वाला हो गया है। यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन कैंपेन कर चुकी हैं। घाटशिला संथाल बहुल क्षेत्र है। दोनों प्रत्याशी बाबूलाल और रामदास संथाली ही हैं। ऐसे में संथाल मतों में विभाजन होगा।
जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर भी पहले चरण में चुनाव होगा। आदिवासी रिजर्व जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर इस बार लड़ाई दिलचस्प हो गई है। इस सीट पर पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को बीजेपी ने मैदान में उतारा है। कोड़ा के सामने कांग्रेस के सोनाराम सिंकू हैं। सिंकू कभी मधु कोड़ा के विश्वासपात्र हुआ करते थे। उनको 2019 में जीताने में कोड़ा परिवार ने काफी मेहनत की थी। गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव जीत गईं थी। 2000 से 2014 तक हुए विधानसभा चुनाव में दो बार मधु कोड़ा तो दो बार गीता कोड़ा यहां से विधायक चुनी गईं थी।