खबर का असर – दागी धान खरीदी प्रभारियों की हुई छुट्टी, डीआर के करीबी पर कौन हुआ मेहरबान?

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खबर का असर – दागी धान खरीदी प्रभारियों की हुई छुट्टी, डीआर के करीबी पर कौन हुआ मेहरबान?

रायपुर – समाचार में लगातार सुर्खियां बटोर रहे भ्रष्टाचारी एवं दागी धान खरीदी प्रभारियों की छुट्टी कर दी गई है। अब इनकी जगह पर नए लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। इसी बीच बड़ी खबर यह भी आ रही हैं कि आखिरकार डीआर के करीबी पर किसकी मेहरबानी चली है।

छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत होनी है, जिसको लेकर सहकारिता विभाग द्वारा सभी जिले में की समितियां के लिए खरीदी प्रभारी एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है इसी कड़ी में सक्ती जिले में भी खरीदी प्रभारी एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की सूची जारी कर दी गई है। इस सूची में दागी जिनकी शिकायत भी हुई है उनको इस बार सूची से बाहर रखा गया है। इस सूची में अमलडीह से मोहन पटेल, भाटा से विरेंद्र महान और पतेरापाली से महेत्तर साहू को हटाया गया है।

आपको बता दें पिछले 2 वर्षों से धान खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है जिसे लेकर हमारे द्वारा लगातार समाचार के माध्यम से प्रशासन के सामने इनकी गड़बड़ियों को दिखाया गया था। प्रशासन ने समाचार को संज्ञान में लेते हुए ऐसे दागी खरीदी प्रभारी को इस बार जिम्मेदारी नहीं देने आदेश दिया था।

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लेकिन अधिकारियों की मनमानी पर प्रशासन पूरी तरह लगाम लगाने में असफल नजर आ रही है क्योंकि इस बार भी कुछ खरीदी प्रभारी जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार सहित उनकी नियुक्ति को लेकर कई शिकायतें हुई है फिर भी उन्हें दोबारा जिम्मेदारी दिया गया है जिसमें डीआर के करीबी रिश्तेदार का नाम भी शामिल है।

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धान खरीदी समितियों से पैसे की मांग को लेकर सुर्खियां बटोर चुके रायगढ़ उप पंजीयक शेखर जायसवाल जो की जांजगीर चांपा जिले में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं उनके करीबी पर विभाग दोबारा विभाग मेहरबान नजर आ रही है। आपको बता दें शेखर जायसवाल जांजगीर चांपा जिले में डीआर के पद पर पदस्थ से उस समय उनके करीबी रिश्तेदार की नियुक्ति की गई थी जिसकी शिकायत ज्वाइंट रजिस्टार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, बिलासपुर के पास लिखित रूप में की गई है, जांच अब भी जारी है, बावजूद उन्हें दोबारा जिम्मेदारी दी गई है।

आखिरकार ऐसे लोगों पर विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी को क्या माना जाए? क्या उनकी नियुक्ति को लेकर डीआर शेखर जयसवाल का सहयोग मिला है या नहीं? या फिर डीआर जांजगीर चांपा उमेश गुप्ता एवं नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय द्वारा जानबूझकर इसे दोबारा जिम्मेदारी दी है? इस मामले से जुड़े हर तथ्यों की परत दर परत हमारे द्वारा समाचार प्रकाशित कर पर्दा उठाया जाएगा और इसकी शिकायत कर जल्द ही कार्यवाई की मांग भी की जाएगी।

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