छत्तीसगढ़: कोरबा जिला में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने वालों की मानो बाढ़ सी आ गई है अतिक्रमणकारियो को जहां एक और कार्यवाही का भय नहीं है वही संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी इस तरह के अवैध कब्जे पर स्वतः संज्ञान नहीं लेते यही कारण है शहर के मुख्य मार्ग को भी अतिक्रमणकारी नहीं बख्श रहे हैं।
इसी तरह का मामला कोरबा जिले के दर्री क्षेत्र में संचालित लक्ष्मी इंजीनियरिंग के संचालक तुलसी वैष्णव का सामने आया है उनके द्वारा सिंचाई विभाग के बाउंड्री वॉल को तोड़ते हुए मुख्य मार्ग में जमीन पर अतिक्रमण करते हुए उसमें आलीशान व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना दिया गया।
शिकायतकर्ता के आरोप अनुसार विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा इस अतिक्रमण को लेकर समझाइए भी दी गई थी लेकिन संचालक उल्टा शासकीय कर्मचारी के साथ वाद विवाद पर उतर गए और स्वयं की पहुंच रायपुर के साथ साथ मंत्री लखनलाल देवांगन एवं बड़े नेताओं से होने की बात कहने लगे।
हालांकि कैबिनेट मंत्री के द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने पर संरक्षण के आरोप बेबुनियाद प्रतीत होते है कैसे संभव है कि प्रदेश स्तर के इतने बड़े जिम्मेदार नेता के द्वारा उन्हें अतिक्रमण पर संरक्षण दे लेकिन हां इस तरह के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि शासकीय भूमि पर अपने निजी स्वार्थ को सिद्ध करने के उद्देश्य से कब्जा करने वालो को करवाई और कानून का भय बना रहे।
इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी हसदेव बराज जल प्रबंधन उपसंभाग दर्री के साथ-साथ वन एवं जलवायु परिवर्तन जल संसाधन कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप को शिकायत पत्र लिख त्वरित कार्रवाई करते हुए सिंचाई विभाग की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का आग्रह किया है।
शिकायतकर्ता ने बताया लक्ष्मी इंजीनियरिंग के संचालक तुलसी वैष्णव के द्वारा सिंचाई विभाग की जमीन के बाउंड्री वाल को तोड़ते हुए मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण कर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाया गया है जिसकी शिकायत प्राथमिक माध्यमिक सहित उच्च स्तर पर किया गया है बावजूद कार्यवाही के अभाव की स्थिति में संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की शिकायत को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
वही इस मामले पर सिंचाई विभाग के एसडीओ ने बताया शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर एसडीम को पत्र भेजा गया है वरीय अधिकारियों के आदेश अनुसार शिकायत पर जल्द से जल्द अग्रिम कार्रवाई करते हुए सिंचाई विभाग के जमीन को मुक्त कर लिया जाएगा।