देवेंद्र रात्रे को टिकट मिला तो पूर्व विधायक शमशेर सिंह करेंगे बग़ावत? भाजपा नेता देवेंद्र रात्रे के नेतृत्व में विरोध करने राजधानी पहुँचे सतनामी समाज के दावेदार

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If Devendra Ratre gets ticket, will former MLA Shamsher Singh rebel?

सारंगढ़। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। इस तैयारी में सबसे ज़्यादा सक्रिय है विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कहलाने वाली भारतीय जनता पार्टी, जीं हाँ भाजपा ने इस चुनाव के लिए सर्वे और पारदर्शिता की बखान करते हुए 21 विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।

भाजपा की सूची आने के बाद कई समीकरण बदल गए, बड़े बड़े मठाधिश और BJP नेताओ का टिकट करने का डर सताने लगा। इसी तारतम्य में सराईपाली विधानसभा के टिकट घोषित होने के बाद सारंगढ़ विधानसभा के दावेदारों का नींद ग़ायब हो गया है। अचानक सारंगढ़ विधानसभा में दावेदारों का चिंता चौहान समाज के टिकट लाबिंग करने वालों बढ़ा दिया है।

बता दे की जातिगत समीकरण को साधने के लिए भाजपा दस अनुसूचित जाति आरक्षित सीट में एक गाड़ा समाज को देती है जहां पर गाड़ा समाज का सबसे सबसे ज़्यादा वोट सराईपाली में है किंतु भाजपा ने सराईपाली में सतनामी समाज के सरला कोसरिया को प्रत्याशी बनाया है। जैसे ही पार्टी ने श्रीमती सरला कोसरिया को सराईपाली से प्रत्याशी घोषित वैसे ही सारंगढ़ विधानसभा के गाड़ा समाज के उम्मीदों में पंख लग गए और टिकट के लिए सक्रिय हो गए। गाड़ा समाज के टिकट के लिए लाबिंग को देखकर सतनामी समाज के कुछ दावेदारों की नींद उड़ गयी है।

देवेंद्र रात्रे के अगुवाई में राजधानी पहुँचे सतनामी समाज के दावेदार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा में टिकट के दावेदारों ने एक गुट बनाकर कर गाड़ा समाज के ख़िलाफ़ राजधानी में सक्रिय हो गए है और सिर्फ़ सतनामी समाज को टिकट दिए जाने का माँग प्रदेश अध्यक्ष एवं संगठन महामंत्री के समक्ष रखा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देवेंद्र रात्रे जो की टिकट के प्रबल दावेदार है तथा सर्वे रिपोर्ट में भी ठीक ठाक उपस्तिथि रहा होगा।सूत्र अनुसार विरोध के लिए राजधानी गए दावेदारों में देवेंद्र रात्रे, श्रीमती मीरा जोल्हे, श्रीमती देवकुमारी लहरे, सुखराम अनंत, सुश्री कामदा जोल्हे सहित कुछ और दावेदार लामबंद हुए है।

देवेंद्र रात्रे को टिकट मिला तो पूर्व विधायक शमशेर सिंह करेंगे बग़ावत?

सारंगढ़ विधानसभा का विगत चुनाव के समीकरण को देखने से ज्ञात होता है की 2003 और 2008 के चुनाव में भाजपा को सारंगढ़ से बग़ावत के कारण हार का सामना करना पड़ा था नही तो दोनो ही समय भाजपा के विधायक चुनाव जीत गए होते। ग़ौरतलब होकी विधानसभा चुनाव 2008 में पार्टी ने शमशेर सिंह को प्रत्याशी बनाया जिसके बाद देवेंद्र रात्रे के पिता श्यामसुंदर रात्रे भाजपा से बग़ावत करते हुए बाग़ी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और भाजपा के हार का सबसे बढ़ा कारण बने थे, इस चुनाव में कांग्रेस के श्रीमती पद्मा मनहर 10845 मतों से विजयी घोषित हुए थी, ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी चुनाव में श्याम सुंदर रात्रे बाग़ी होकर भाजपा का लगभग 6500 से अधिक काटकर हार का सबसे बढ़ा कारण बने थे,जिसका मलाल आज तक शमशेर सिंह को है, कारण शमशेर सिंह दोबारा विधायक नही बन पाए जिसका ज़ख़्म आज तक शमशेर सिंह के हृदय में हरा है। शहर में चर्चा है की भाजपा अगर देवेंद्र रात्रे को प्रत्याशी घोषित करता है शमशेर सिंह पुनः मैदान में उतर जाए तो किसी को हैरानी नही होगा।

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