Wednesday, May 14, 2025

अगर काटने-बांटने की भाषणबाजी और किसानों के मुद्दे पर अखिलेश का भाजपा पर तीखा हमला

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लखनऊ. किसानों के मुद्दे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ‘भाजपा सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है. आज किसान सबसे ज्यादा बदहाल और परेशान हैं. मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में भी किसानों में हाहाकार मचा है. अगर काटने-बांटने की भाषणबाजी और पॉलिटिकल पर्यटन से उन्हें फुर्सत मिले तो अपने गृह जनपद सहित पूरे प्रदेश में डीएपी बंटवा दें. बुवाई का सीजन फिर साल भर बाद ही आएगा. भाजपाइयों की नौटंकी और भाषणबाजी से किसान परेशान हैं’.

अखिलेश यादव ने कहा कि ‘भाजपा सरकार ने किसानों से किए गए अपने एक भी वादे को पूरा नहीं किया. भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन उसका अब कहीं जिक्र तक नहीं होता है. केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए तीन काले कानूनों की वापसी के लिए 700 से ज्यादा किसानों की मौतें हो गई. फिर भी सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का कानून नहीं बनाया. किसानों की समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है’.

सपा प्रमुख ने कहा कि ‘किसानों की समस्याओं के स्थाई समाधान पर भाजपा से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है. किसान भगवान भरोसे हैं, उसकी कोई सुनने वाला नहीं है. किसानों की समस्याओं के निदान के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने कमेटी बनाई थी. उसका भी कहीं अता-पता नहीं है. किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान आज तक नहीं हुआ है. जबकि नए सत्र का गन्ना इंतजार कर रहा है. भाजपा सरकार की प्राथमिकता में पूंजीपति हैं किसान नहीं. खेती में हमेशा घाटा ही रहा है’.

अखिलेश यादव ने कहा कि ‘भाजपा सरकार में किसान बहुत परेशान हैं. एक तरफ जहां किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक महंगे मिल रहे हैं, वहीं जुताई-बुआई महंगी हो गई है. किसान को अपनी उपज का लाभकारी मूल्य भी नहीं मिल रहा है. सहकारी समितियों के गोदाम खाली है. किसानों को खाद नहीं मिल रही है. किसान को ब्लैक में खाद खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है. बीज के साथ कुछ दवाओं के पैकेट लेने का भी दबाव बनाया जा रहा है. भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार की मार किसानों पर पड़ने से किसान और ज्यादा लाचार और गरीब होता जा रहा है’.

सपा प्रमुख ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश में वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने का दावा करने वाली भाजपा सरकार में किसानों की दुर्दशा का अंत नहीं है. बिना किसानों के खुशहाल हुए वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी कैसे बन सकती है? भाजपा सरकार झूठ, लूट, भ्रष्टाचार में लिप्त है. उसे किसानों की कोई चिंता नहीं है. भाजपा सरकार में विरोध किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं. इन दिनों तानाशाही का आलम यह है कि सरकारी धांधली के खिलाफ आवाज उठाने पर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में किसानों पर फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं. किसान और जनसामान्य भाजपा की दंभी सरकार को अब और बर्दाश्त करने वाला नहीं है. विधानसभा उपचुनावों में जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है’.

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