रायपुर: राजधानी में गुंडों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब उन्होंने पत्रकारों को भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ताज़ा मामला रायपुर के कलेक्टर ऑफिस परिसर का है, जहां दिनदहाड़े एक पत्रकार का अपहरण कर लिया गया। इस घटना ने शहर के प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इंडिया वाइस नेशनल न्यूज़ चैनल के स्टेट हेड, मनोज शुक्ला, जिन्होंने स्टेट गैरेज से एक सरकारी वाहन की जानकारी मांगी थी, उस वाहन के बारे में जानकारी मिलने के बाद यह घटना हुई। जानकारी के मुताबिक, उक्त वाहन (CG-02-AU-1304) का इस्तेमाल फहीम और सोराब नामक व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा था। जब यह जानकारी मनोज शुक्ला ने जुटाई, तो वह वाहन वहां से हटा लिया गया।
अगले दिन, जब मनोज शुक्ला अपने साथी अफरोज ख्वाजा के साथ कलेक्टर ऑफिस परिसर के पास पहुंचे, तो सोराब और उसके साथी खुर्शीद उर्फ सोनू ने उनकी गाड़ी रोक ली। उन्होंने शुक्ला और ख्वाजा को धमकाया और गाली-गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद, सोराब ने और गुंडों को बुलाया, जो एक कार (CG-04-MS-6401) से आए थे। उन्होंने शुक्ला को बलपूर्वक अपनी गाड़ी में डाल लिया और अफरोज ख्वाजा को भी अपहरण करने की कोशिश की।
इस घटना के बाद कुछ अन्य पत्रकारों ने हस्तक्षेप किया, लेकिन गुंडों का हौसला इतना बढ़ा हुआ था कि उन्होंने पुलिस प्रशासन को भी खुलेआम गालियाँ दीं और देख लेने की धमकी दी। इस घटना से पत्रकार समुदाय में गहरा रोष है और उन्होंने रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कठोर कार्यवाही की मांग की है।
घटना कलेक्टर कार्यालय और एसपी ऑफिस के निकट होने के बावजूद गुंडों की ऐसी हरकतें बताती हैं कि शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी चिंताजनक है। पत्रकारों का कहना है कि जब राजधानी में खुद प्रशासन के सामने गुंडाराज चल रहा है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा।
इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करती है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी।