Holi 2024 : होली कब है ? जानिए होलिका दहन का मुहूर्त पूजा विधि और काम की जानकारी

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Holi 2024 : When is Holi? Know the auspicious time of Holika Dahan, information about worship method and work

Holi 2024 : फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन रंगों वाली होली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और होली की बधाई देते हैं। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस वर्ष होली कब है और ग्रहण की स्थिति को लेकर भी संशय बना हुआ है।

होली कब है और होलिका दहन का मुहूर्त क्या होगा ?

होली से पहले होलाष्टक होली के त्योहार से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आरंभ हो जाते हैं और पूर्णिमा तिथि तक रहते हैं। इस बार होलाष्टक 17 मार्च से शुरू होंगे और 24 मार्च को होलिका दहन के साथ समाप्त हो जाएंगे। होलाष्टक के दौरान आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं इसलिए होलाष्टक के समय कोई शुभ व मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते हैं।

होली के दिन चंद्र ग्रहण होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए होली पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूर्णिमा तिथि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को 9 बजकर 56 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है।

कब है होली ?

शास्त्रों में विधान है कि दोनों दिन अगर पूर्णिमा तिथि है तो प्रदोष काल में लगने वाली पूर्णिमा तिथि को भद्रा रहित काल में होलिका दहन किया जाता है। इसलिए इस बार होली का पर्व 24 मार्च को मनाया जाएगा और अगले दिन 25 मार्च को रंगोत्सव का पर्व मनाया जाएगा। 24 मार्च को भद्रा भी लग रही है, इस दिन भद्रा का प्रारंभ सुबह 9 बजकर 54 मिनट से हो रही है, जो रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। इसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है। होलिका दहन का मुहूर्त – होलिका दहन 24 मार्च को रात्रि 11 बजकर 13 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आपको केवल 1 घंटा 20 मिनट का होली पूजा का समय मिलेगा।

होलिका दहन की पूजा विधि होलिका दहन से पहले स्नान करके पूजा वाले स्थान पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। फिर गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाकर थाली में रोली, फूल, मूंग, नारियल, अक्षत, साबुत हल्दी, बताशे, कच्चा सूत, फल, बताशे और कलश में पानी भरकर रख लें। इसके बाद होलिका की पूजा करें और पूजा की सामग्री को अर्पित करें। साथ ही भगवान नरसिंह और विष्णु जी का नाम लेकर पांच अनाज अर्पित करें। फिर प्रह्लाद का नाम लेकर अनाज के दाने और फूल अर्पित करें। इसके बाद कच्चा सूत लेकर होलिका की सात परिक्रमा करें और अंत में गुलाल डालकर जल अर्पित करें। होलिका दहन के बाद उसमें कच्चे आम, सप्तधान्य, नारियल, मुट्टे, मूंग, चना, चावल आदि चीजें अर्पित कर दें। होली की रात करें ये काम घर पर बुरी शक्तियां या नकारात्मक ऊर्जा का वास है तो इससे छुटकारा पाने के लिए होली रात इस उपाय को जरूर करें. होलिका दहन की राख को ले आएं और होली की रात इसे घर के चारों ओर छिड़क दें. इससे घर पर मौजूद सारी नकारात्मकता दूर हो जाएगी.

अगर आप आर्थिक रूप से परेशान रहते हैं या हमेशा धन को लेकर तंगी बनी रहती है तो कपूर में गुलाब की कुछ पत्तियां मिलाकर जलाएं और इसके बाद इसे पूरे घर पर दिखाएं. जब इसकी राख हो जाए तो इस राख को होलिका की अग्नि में अर्पित कर दें. इससे धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है. अगर कर्ज का बोझ हो तो, इस उपाय से कर्ज भी शीघ्र उतरने लगते हैं.

होली की रात ठीक 1 बजे किसी मंदिर में पीपल वृक्ष के नीचे घी का दीप जलाकर पेड़ की सात बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से पारिवारिक जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है. पति-पत्नी के बीच खिटपिट चल रही है या वैवाहिक जीवन में प्रेम कम हो गया है तो होली की रात उत्तर दिशा में एक सफेद रंग का आसन बिछाकर इसमें चावल और दाल रखें. इसके बाद उसपर केसर से तिलक करें और घी का दीप लगाएं. इससे वैवाहिक जीवन में खुशियों की बहार फिर से लौट आएगी.

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