उत्तराखंड में हो रही भारी तबाही की दस्तक, 32 गांव के ऊपर मंडरा रहा संकट
उत्तराखंड में एक बार फिर बड़ी तबाही की दस्तक से लोग दहशत में हैं। चमोली शहर में पानी के निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण जोशीमठ में जमीन धंस रही है। जोशीमठ नगर के इलाके में घरों के अलावा सड़क पर दरारें पड़ गईं हैं। जगह जगह जमीन से पानी की धाराएं निकलने की घटनाएं हो रही हैं। एक तरफ, जहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं तो दूसरी ओर, अलकनंदा नदी से कटाव और अनियंत्रित निर्माण कार्य से 32 गांव खतरे में पड़ गए हैं। अब लोगों को गांवों से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के करीब 32 गावों में कमोबेश जोशीमठ जैंसे हालात बने हुए हैं। इन गावों के 148 परिवारों की विस्थापन की फाइल सालों से आज भी सरकारी कार्यालयों में रेंग रही है। 2012 से अब तक 45 से अधिक गावों के करीब 1400 परिवारों का विस्थापन भी किया गया, लेकिन, ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जोशीमठ में भूधंसाव की घटनाएं बढ़ने से स्थानीय निवासियों की जान खतरे में पड़ गई है। जेपी कालोनी में घरों में पानी निकलने से सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। जोशीमठ थाने के पास के इलाकों में दरार से खतरे को देखते हुए पांच परिवारों को नगर पालिका गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया है। तहसील प्रशासन की जांच में अभी तक 130 मकान चिह्नित किए हैं, जबकि प्रभावित परिवारों की संख्या 700 से ज्यादा है। हालात चिंताजनक होते जा रहे है। ऐसे में 22 परिवार शहर छोड़कर जा चुके।