दावा-हसीना बोलीं- बांग्लादेशियों की जान बचाने के लिए इस्तीफा दिया:कहा- अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप दे देती तो सत्ता नहीं जाती, मैं बांग्लादेश लौटूंगी

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बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के 6 दिन बाद शेख हसीना ने कहा है कि अमेरिका को सेंट मार्टिन आइलैंड न देने की वजह से उनकी सरकार गिराई गई है।

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों से कहा, “मैं कट्टरपंथियों की हिंसा में मरने वालों की संख्या को बढ़ने नहीं देना चाहती थी। वे छात्रों के शवों के जरिए सत्ता हासिल करना चाहते थे। लेकिन मैंने पद छोड़कर ऐसा नहीं होने दिया।”

हसीना ने कहा, “मैं सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिकी कंट्रोल में देकर अपनी कुर्सी बचा सकती थी। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं। अल्लाह की कृपा से मैं बांग्लादेश जल्द लौटूंगी।”

छात्रों के आंदोलन पर बात करते हुए हसीना ने कहा, “मैंने कभी उन्हें रजाकार नहीं बुलाया। देश में अस्थिरता लाने के लिए मेरे शब्दों को गलत तरह से पेश किया गया। बांग्लादेश की जनता की मासूमियत का फायदा उठाते हुए यह साजिश रची गई है।” इस्तीफे के बाद यह पहला मौका है जब हसीना का इस मामले में कोई बयान सामने आया है।

फुटेज 5 अगस्त की है, जब हिंसा के बीच शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा था।
फुटेज 5 अगस्त की है, जब हिंसा के बीच शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा था।

हसीना ने कहा था- बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप मांग रहा अमेरिका
इससे पहले जून 2021 में बांग्ला अखबारों में दावा किया गया था कि अमेरिका, बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप की मांग कर रहा है। वह यहां मिलिट्री बेस बनाना चाहता है। इसके बाद बांग्लादेश वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रशीद खान मेनन ने भी संसद में कहा कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप हासिल करना चाहता है और क्वाड का मेंबर बनने के लिए दबाव बना रहा है।

सेंट मार्टिन द्वीप जिसे लेकर बांग्लादेश की राजनीति में इतना हंगामा मचा वह सिर्फ 3 वर्ग किमी का एक द्वीप है। म्यांमार से इसकी दूरी सिर्फ 5 मील है। जून 2023 को PM हसीना ने कहा था कि विपक्षी BNP पार्टी अगर सत्ता में आई तो वे सेंट मार्टिन बेच देंगे।

बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर 205 हमले
बांग्लादेश में हिंसा के बीच हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के अब तक 205 मामले सामने आ चुके हैं। शनिवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के हेड मुहम्मद यूनुस ने इसकी निंदा की।

उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों पर हमले करना जघन्य अपराध है। बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों की रक्षा करना देश के युवा वर्ग का फर्ज है।” बांग्लादेश की बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, “छात्रों ने इस देश को बचाया है। क्या वे अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं कर सकते। वे भी हमारे देश के नागरिक हैं। हमें साथ मिलकर रहना होगा।”

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