वेस्टेज से बनाए जायेंगे ग्रीन टाइल्स, हर दिन 1000 उत्पादन का टारगेट
छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर अच्छी पहल की है। संयंत्र द्वारा इससे पेवर ब्लाक (ग्रीन टाइल्स) का उत्पादन शुरू किया है। संयंत्र के प्रभारी निदेशक अनिर्बान दासगुप्ता ने इसकी शुरूआत की। बीओएफ स्लैग से पेवर ब्लाक बनाने में 100 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट का उपयोग होने के साथ ही कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। 1000 टाइल्स प्रतिदिन उत्पादन का लक्ष्य एवम 100 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट का इसमें उपयोग होगा।
संयंत्र के प्रभारी निदेशक अनिर्बान दासगुप्ता के मुख्य आतिथ्य में सेल- ग्रीन टाइल्स प्लांट का उद्घाटन समारोह आयोजन किया गया। यह प्लांट संयंत्र के एलडीसीपी आरएमपी-1 पाउडर शाप के स्थान पर स्थापित किया गया है। शुभारंभ अवसर पर निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने पूरी टीम को सराहते हुए कहा कि आज का दिन भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए अत्यंत हर्ष का दिन है।
आरएमपी-01 की टीम ने बीओएफ स्लैग के निपटान की चुनौती को स्वीकारा और अच्छी पहल की। पेवर-ब्लाकों का उपयोग पार्किंग क्षेत्र और सड़क के किनारे सौंदर्यीकरण और स्वच्छता के उद्देश्य से किया जाता है। यह सेल-ग्रीन टाइल्स प्लांट के दो उद्देश्यों को पूरा करेगा, पहला यह बीओएफ स्लैग के निपटारे में सहायता करेगा और दूसरा यह हमारे प्लांट और टाउनशिप के सौंदर्यीकरण के साथ भविष्य में राजस्व उत्पन्न करने में मदद करेगा। आंतरिक संसाधनों के उपयोग से यह होगा।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक अंजनी कुमार, सुब्रत मुखोपाध्याय, अजय कुमार चक्रबर्ती, डा अशोक कुमार पंडा, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी तापस दासगुप्ता, प्रबीर कुमार सरकार, असित साहा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डा रविन्द्रनाथ एम समेत विभिन्न विभागों के मुख्य महाप्रबंधक तथा अन्य उपस्थित रहे।