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कोरबा :- साय सरकार की सुशासन नीतियों को ठेंगा दिखता और जिला प्रशासन कोरबा की मौन सहमति नतमस्तक रवैया के कारण अपने भ्रष्ट कार्यशैली व नियम विरुद्ध अनैतिक कार्यों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने वाला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोरबा एक बार फिर अपने कार्यो की वजह से सुर्खियों में है यू तो जब से जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा टी.पी.उपाध्याय ने पदभार सम्हाला है । तब से शिक्षा विभाग अपने कारगुजारियों की वजह से सुर्खियों में रहा है ।
आपको बताते चले कि बादल दुबे जिला महामंत्री जेसीपी कोरबा के द्वारा विकास खंड शिक्षा अधिकारी पोड़ी उपरोड़ा की वर्तमान प्रभारी प्रीति खैरवार के द्वारा नियम विरुद्ध अनैतिक कार्यों व आर.टी.आई.के तहत प्राप्त आवेदन में गलत जानकारी, प्रथम अपील में जूठा बयान देने गुमराह करने के साथ साथ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर नोकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों को संरक्षण प्रदान करने के एवज में भारी भरकम राशि की वसूली की
शिकायत के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 की धारा(3)के तहत शिकायत लगातार की जा रही है! किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा संरक्षण प्रदान होने के कारण किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जा रही है!बादल दुबे के द्वारा हार न मानते हुए 11 बिन्दुओ पर पुनः संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर के समक्ष प्रीती खैरवार की लिखित शिकायत किया गया है!
संयुक्त संचालक के द्वारा शिकायत की गम्भीरता को देखते हुए दिनांक 09 /06/2025 को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा को पत्र प्रेषित कर शिकायत में निष्पक्ष जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने आदेशित किया गया!किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा बादल दुबे के द्वारा किए शिकायत में जांच न हो अपने पद का भरपूर दुरुपयोग किया गया! अंततःमामला विभाग के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने पर मामला को तूल पकड़ते देख जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा खाना पूर्ति कार्यवाही करते हुए
आवेदक के व्हाट्सएप नम्बर पर दिनांक 18/06/2025 को लेटर जारी कर प्रेषित! करते हुए प्रभारी बीईओ पोड़ी उपरोड़ा प्रीति खैरवार के विरुद्ध बादल दुबे जिला महामंत्री जेसीपी कोरबा की लिखित शिकायत पर प्रीति खैरवार बीईओ पोड़ी उपरोड़ा की अत्यंत करीबी माने जाने वाले शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय सिंधिया व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लमना को जांच अधिकारी बना दिया गया!
यह आदेश जारी होते ही विभाग में तथा जानकारों में चर्चा का विषय बन गया है । कि क्या एक प्राचार्य अपने ही विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी की जांच निष्पक्ष तौर पर बिना दबाव के जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकता है!जबकि शिक्षा विभाग कोरबा जिला में 4 बीईओ सीनियर अधिकारी है! तथा कई सीनियर अनुभवी योग्य कर्तव्य निष्ठ अधिकारी को नजर अंदाज करते हुए एक प्राचार्य को जांच अधिकारी नियुक्त करना वो भी बीईओ के करीबी को कई संदेहों को जन्म दे रहा है ।
इस प्रकरण से सम्बंधित जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा में पदस्थ शिकायत शाखा प्रभारी मिरेन्द्र जी से उनका पक्ष जानने हेतु संपर्क करने पर उनका जवाब था कि मैं अपने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश का पालन कर रहा हूं । सम्भवतः प्राचार्य अपने बीईओ की निष्पक्ष जांच कर पाएगा या नही मुझे इसकी जानकारी नही है!अब आप समझ ही गए होंगे कि क्या खेला चल रहा है