|
Getting your Trinity Audio player ready...
|
G20 Summit , नई दिल्ली। आगामी G20 शिखर सम्मेलन से पहले विश्व राजनीति में खलबली मच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस बार सम्मेलन में हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया है। ट्रम्प ने साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों पर कथित अत्याचार का हवाला देकर अपनी अनुपस्थिति को सही ठहराया है। उनके इस बयान ने पश्चिमी देशों में नई बहस छेड़ दी है।
Korba Road Accident : कोरबा में सड़क हादसा, दशगात्र से लौट रहे पेंटर की मौत, ड्राइवर फरार
इधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस बार G20 में भाग नहीं लेंगे। यूक्रेन युद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर पुतिन की गिरफ्तारी की आशंका बढ़ जाती है। यही कारण है कि वह लगातार वैश्विक सम्मेलनों से दूरी बनाए हुए हैं।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तबीयत खराब बताई जा रही है, जिसके चलते वे भी इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। तीन वैश्विक शक्तियों के शीर्ष नेताओं की गैरहाज़िरी से इस बार का G20 शिखर सम्मेलन काफी अलग और चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
भारत के लिए क्यों खास है यह G20?
G20 की बैठक इस बार भारत की मेजबानी में हो रही है, जो देश की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने का मौका देती है।
-
कूटनीतिक मौके: बड़े देशों के प्रतिनिधियों के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी भूमिका को मजबूती से रख सकता है।
-
आर्थिक सहयोग: निवेश, व्यापार और प्रौद्योगिकी साझेदारी के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है।
-
ग्लोबल साउथ की आवाज़: भारत उन विकासशील देशों की चिंताओं को प्रमुखता दे सकता है, जिन्हें अक्सर बड़ी शक्तियों के एजेंडे में कम जगह मिलती है।
भले ही दुनिया की तीन बड़ी शक्तियों के शीर्ष नेता इस बार मंच पर मौजूद नहीं होंगे, लेकिन यह सम्मेलन भारत के कूटनीतिक प्रभाव, वैश्विक नेतृत्व और रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दे सकता है।

