सुकमा । सुकमा में हुए नक्सली आईईडी ब्लास्ट में एडिशनल एसपी आकाश राव गिरपुंजे की शहादत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। यह छत्तीसगढ़ के नक्सल इतिहास की तीसरी ऐसी घटना है, जब किसी एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ने ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति दी हो। नक्सलवाद से लड़ी जा रही इस जंग में अब तक चार जांबाज़ पुलिस अफसर अपनी शहादत दे चुके हैं। आइए जानते हैं वे तीन बड़े घटनाक्रम, जिन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस के इतिहास में अमिट शोकचिन्ह छोड़ दिए—
1. भास्कर दीवान – नक्सली मुठभेड़ में पहली शहादत (1998-99, नारायणपुर)
छत्तीसगढ़ में एडिशनल एसपी स्तर पर पहली शहादत की घटना नारायणपुर से जुड़ी है। साल 1998-99 में एक बड़े नक्सली मुठभेड़ के दौरान एडिशनल एसपी भास्कर दीवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। यह घटना उस वक्त पुलिस महकमे के लिए अत्यंत स्तब्ध करने वाली थी, जब नक्सलवाद ने पहली बार वरिष्ठ स्तर के अधिकारी को निशाना बनाया।
2. राजेश पवार – गरियाबंद ब्लास्ट में दूसरी बड़ी क्षति (2011)
करीब 12 साल बाद गरियाबंद जिले के आमामोरा जंगल में नक्सलियों द्वारा किए गए भीषण ब्लास्ट में एडिशनल एसपी राजेश पवार और उनके साथ के 10 जवान शहीद हो गए थे। राजेश पवार नक्सलियों की गतिविधि की सूचना पर कार्रवाई के लिए निकले थे, लेकिन पहले से घात लगाए नक्सलियों ने विस्फोट कर दल को उड़ा दिया। यह घटना न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश भर में पुलिस बल के लिए एक बड़ा झटका थी।
3. आकाश राव गिरपुंजे – सुकमा आईईडी ब्लास्ट (2025)
अब 2025 में एक और काली सुबह आई, जब सुकमा जिले में हुए IED ब्लास्ट में एडिशनल एसपी आकाश राव गिरपुंजे शहीद हो गए। इस हमले में TI और SDOP भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आकाश राव का बलिदान यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की जड़ें अभी भी सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बनी हुई हैं।