CG बड़ी खबर : चार कलेक्टर चले गए मगर ये न चल सका, वर्तमान कलेक्टर ने लिया संज्ञान, वर्षों से लोग हो रहे महरूम…VIDEO

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Four collectors left but it could not work, the fifth collector took cognizance, people are missing…

रायपुर – छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी के कलेक्टर कार्यालय परिसर में पिछले 5 साल से सफेद हाथी बनकर खड़ा लिफ्ट मशीन जरूरत मंद लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सफल नहीं हो सका। जिले में चार कलेक्टर आकर चले गए और पांचवे कलेक्टर को आए 6 महीना बीत गया लेकिन जिले के दिव्यांगजन आज भी इस सुविधा के लिए महरूम हो रहे हैं और अपने फरियाद को लेकर दर्द के सहारे सीढ़ियों पर चढ़कर अपने बातों को रखने मजबूर हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी कोरबा जिले की। यहां कलेक्टर कार्यालय परिसर में बना सफेद हाथी की तरह खड़ा लिफ्ट मशीन है जो पिछले 5 साल पहले कलेक्टर कार्यालय में दिव्यांग जनों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए बनाया गया था। मगर जिलेवासियों का दुर्भाग्य है कि उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार इस लिफ्ट को बनाने के लिए DMF मद की बड़ी राशि खर्च की गई है।

बताया जाता है कि लिफ्ट मशीन का निर्माण पूरा होने के उपरांत यह मशीन महज 1 सप्ताह ही चल सका फिर तकनीकी खराबी होने के कारण बंद हो गया। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह भी है कि कलेक्टर कार्यालय परिसर में जहां जिले के मुखिया का कार्यालय है और जिले के कई महत्वपूर्ण विभाग संचालित हैं, जहां मंत्री, विधायक, सांसद सहित तमाम जनप्रतिनिधियों का आना – जाना है, बावजूद 5 साल बीत जाने के बाद भी ठीक नही हो सका और जरूरतमंद लोग आज भी इस सुविधा के लिए महरूम हो रहे हैं।

5 साल तक बंद पड़ी लाखों रुपए खर्च कर बनी लिफ्ट मशीन के नहीं सुधरने के मामले पर अब षड्यंत्र के साथ भ्रष्टाचार करने की दुर्गंध आने लगी है, क्योंकि जिन जरूरतों को पूरा करने की मंशा से इस लिफ्ट मशीन को लगाया गया था वह महज 1 सप्ताह में ही समाप्त हो गया और 5 साल में भी इस मशीन को सुधारा जाना जरूरी नहीं समझा गया। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और ठेकेदार द्वारा कार्य कराने के एवज में एक बड़ी राशि बंदरबांट कर ली गई।

ऊर्जाधानी कोरबा में DMF की राशि से इस तरह के निर्माण का यह पहला मामला नहीं है। ऐसे कई बड़े-बड़े भवनों का निर्माण कराया गया है जो आज भी उपयोग विहीन हैं और कबाड़ में तब्दील हो रहा है। DMF।की राशि से सरकार जिस तरह से विकास होने का दावा कर रही है वह वास्तव में कहीं भी नजर नहीं आ रही है। बल्कि DMF की राशि में सेटिंग का बड़ा खेल चल रहा है जिससे व्यक्ति विशेष का विकास हो रहा है जो जिले वासियों के नजर से छुपी भी नहीं है।

कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय में लिफ्ट की व्यवस्था है उसमें तकनीकी खराबी है, जो शुरुआत से ही रही है। मेरे आने के बाद इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी को निराकरण करने संबंधित कंपनी को तलब करने की बात कही है, ताकि जिस उद्देश्य से लिफ्ट बनी है वह उपयोग में आ सके।

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