पूर्व में फर्जी केसीसी? अब मंडी में धान की अफरा तफरी? क्या विनोद आदिले के खिलाफ होगी FIR दर्ज?
जांजगीर चांपा – पूर्व में फर्जी केसीसी, बिचौलिए से धान खरीदी, अब मंडी से खरीदी किए गए धान के गायब हो जाने जैसे गंभीर आरोपों से घिरे खिसोरा मंडी खरीदी प्रभारी विनोद आदिल के ऊपर किसकी मेहरबानी दिख रही है। गंभीर मामला होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं यही कारण है की अब तक विनोद आदिले की मनमानी देखने को मिल रही है।
खरीदी केंद्र से हजारों क्विंटल धान गायब, क्या होगी एफआईआर दर्ज?
अधिकारियों की मौन स्वीकृति वाले संरक्षण और खरीदी प्रभारी की मनमानी से ना सिर्फ शासन को लाखों रुपए की क्षति हो रही है बल्कि विभाग की भी बड़ी बदनामी हो रही है बावजूद इस तरह की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। विनोद आदिले जब से खरीदी केंद्र संभाल रहे हैं तब से सुर्खियों में है। पूर्व में भी उनके कार्यशैली पर कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं। किसानों से अधिक मात्रा में धान लेने और टोकन के नाम पर भी किसानों को परेशान करने का आरोप है। बावजूद उन्हें प्रभारी जैसे महत्वपूर्ण पद सौपे जा रहे हैं।
कलेक्टर जनदर्शन में प्रबंधक विनोद आदिले और ऑपरेटर अरुणा के खिलाफ हुई थी शिकायत….
पूर्व में भी किसान द्वारा सेवा सहकारी समिति खिसोरा के प्रबंधक विनोद आदिले एवं कंप्यूटर ऑपरेटर अरुणा एवं ग्राम शत्रुघ्न राठौर के द्वारा सेवा सहकारी समिति खिसोरा से मिलीभगत कर केसीसी ऋण के संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पूरे मामले की जांच करते हुए नोडल अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जिला – जांजगीर चांपा द्वारा शाखा प्रबंधक बलौदा को पत्राचार करते हुए तीन दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया था।
इस शिकायत में किसान द्वारा बिना उसके जानकारी के उनके नाम पर 53000 रुपए नगद एवं 33000 रुपए खाद, बीज एवम् वस्तु के लिए राशि आहरण कर ली गई थी और उनके नाम पर धान की बिक्री भी कर दी गई थी। इस पूरे मामले में भी ब्रांच मैनेजर की भूमिका संदिग्ध रही है।
सूत्रों की माने तो खिसोरा खरीदी केंद्र में बोनस की राशि आहरण में भी अनियमितता की बात सामने आ रही है। इस पूरे मामले में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर शैलेंद्र तिवारी की भी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। जल्द ही इस मामले से जुड़े दस्तावेज सहित समाचार का प्रकाशन किया जायेगा।