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काठमांडू। नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट और व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच, देश को एक नई अंतरिम प्रधानमंत्री मिल गई हैं। नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को देश का नया अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। उन्होंने शुक्रवार रात 8:45 बजे पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया है और अब सुशीला कार्की के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार अगले चुनाव तक देश का कामकाज संभालेगी।
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भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बाद हुआ बदलाव
यह बदलाव नेपाल में पिछले कुछ समय से चल रहे Gen Z (जेन-जी) के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद हुआ है। इन प्रदर्शनों के कारण पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि ओली सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया। युवाओं के इस उग्र आंदोलन के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा हो गया था।
सुशीला कार्की के नाम पर सहमति
नेपाल के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख ने मिलकर सुशीला कार्की के नाम पर सहमति जताई है। वह नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं और उनकी छवि एक ईमानदार और मजबूत न्यायविद की है। जेन-जी आंदोलनकारियों के बीच भी उनका नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सर्वसम्मति से सामने आया था। माना जा रहा है कि उनकी नियुक्ति से देश में स्थिरता आएगी और लोगों का सरकार पर विश्वास बहाल होगा।
भारतीय पत्रकारों के साथ मारपीट का मामला
इसी बीच, काठमांडू में कुछ भारतीय पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना भी सामने आई है। ये पत्रकार वहां चल रहे विरोध प्रदर्शनों को कवर कर रहे थे। कुछ उपद्रवियों ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें वे घायल हो गए। इस घटना पर भारत सरकार ने चिंता जताई है और नेपाल सरकार से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
सुशीला कार्की के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश में कानून-व्यवस्था को बहाल करना और अगले चुनाव के लिए एक निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल तैयार करना होगा।