For the first time, equipment for printing notes was found from Naxalites.
सुकमा। नक्सल विरोधी सर्चिंग अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। पहली बार नक्सलियों के पास से नोट और छापने के उपकरण मिले हैं। सर्चिंग टीम ने कोराजगुड़ा के जंगलों से 50, 100, 200, 500 रुपये के नकली नोट के सैंपल भी बरामद किए हैं। सुकमा पुलिस का मानना है कि नक्सली फंड की कमी से जूझ रहे और नकली नोट का इस्तेमाल कर जरूरी समान स्थानीय साप्ताहिक बाजार से खरीद रहे हैं।
लगातार नक्सलियों के इनकाउंटर और गिरफ्तारी के बाद से नक्सलियों की कमर टूटने लगी है। लेवी के रूप में मिलने वाली उगाही भी मिलना बंद हो रहा है। यही कारण है उन्हे दैनिक उपयोग का सामन खरीदने के लिए नकली नोट का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। स्थानीय बाजारों से नक्सली दैनिक उपयोग की चीजें नकली नोट से खरीद रहे है। इसका नुकसान गरीब आदिवासियों को हो रहा है। असली सामान देने के बाद आदिवासियों के हाथ नकली नोट लग रहे है। सुकमा सुरक्षाबलों को नक्सली कैंप पर कार्रवाई के दौरान नकली नोट छापने की मशीन मिली। कैंप में मशीन के साथ 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये और 500 रुपये के नकली नोट भी मिले है। सुकमा पुलिस के अनुसार नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापने और उसे खपाने की खुफिया जानकारी मिली थी। इस पर सुकमा पुलिस अलर्ट हो गई और तुरंत जिला बल, डीआरजी बस्तर फाइटर एवं 50 वाहिनी सीआरपीएफ की संयुक्त पार्टी सर्चिंग के लिए मैलासूर, कोराजगुड़ा, दंतेशपुरम व आस-पास के क्षेत्र की ओर निकली। इसी दौरान ग्राम कोराजगुड़ा के जंगल में सुरक्षा बल को देख नक्सली मौके से फरार हो गए। इसके बाद सुरक्षा बल ने घटनास्थल की सघन जांच की तो जवानों को अलग-अलग जगहों से नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखे गये नकली नोट बनाने की मशीन, कलर प्रिंटर मशीन, इंवर्टर मशीन, कलर इंक के साथ 50, 100, 200 व 500 रुपये के नकली नोट के सैंपल मिले हैं। जवानों ने इसके अलावा भरमार बंदूक, वायरलेस सेट, मैग्जीन पोच, नक्सली काली वर्दी, कपड़ा एवं भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी बरामद किया है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में बड़े नक्सली कैडरों ने प्रत्येक एरिया कमेटी के एक-एक नक्सली सदस्य को नकली नोट छापने की ट्रेनिंग दी गई थी। प्रशिक्षण के बाद अपने-अपने एरिया कमेटी में प्रशिक्षित नक्सली नकली नोट छापकर अंदरुनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में खपा रहे थे।