विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा की प्रथम पूजा विधान पाट-जात्रा की रथ निर्माण की पहली लकड़ी “टूरलू खोटला”लाइगाई

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विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा की प्रथम पूजा विधान पाट-जात्रा की रथ निर्माण की पहली लकड़ी “टूरलू खोटला”लाइगाई

एंकरविश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व वर्ष 2023 के प्रथम पूजा विधान पाट-जात्रा सोमवार 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या के दिन मां दंतेश्वरी मंदिर के सामने प्रांगण में सम्पन्न किया जाएगा। इस पूजा विधान को पूरा करने के लिए ग्राम बिलोरी के जंगल में साल के पेड़ का चयन कर पूजा अर्चना कर काटा गया। इस लकड़ी से रथ निर्माण के लिए बनाये जाने वाले औजार “टुरलू खोटला” अर्थात विशालकाय हथौड़ा बनाया जायेगा, जिसे दंतेश्वरी मंदिर जगदलपुर के प्रांगण में ग्रामीणों के द्वारा लाई गई, जिसकी परंपरानुसार रथ निर्माण के औजारों के साथ पूजाअर्चना कर बकरा, मोंगरी मछली एवं अंडे की बली चढ़ाकर बस्तर दशहरा का आगाज किया जायेगा।

आपको बता दें कि बस्तर दशहरा अमूमन 75 दिवसीय कार्यक्रम होता है,लेकिन इस वर्ष इस दौरान पुरषोत्तम मास पड़ने की वजह से 30 दिन अतिरिक्त कुल 105 दिनों का दशहरा पर्व होगा, इसका प्रथम पूजा विधान पाट-जात्रा में बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक, मांझी-चालकी, पुजारी, रावत एवं जन समुदाय उपस्थित होंगे। रथ निर्माण करने वाले कारीगरों एवं ग्रामीणों के द्वारा मांझी चालाकी, मेंबरीन के साथ जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूजा विधान के साथ पाट जात्रा की रस्म संपन्न होगी। इसके साथ ही बस्तर दशहरा के दुमंजिला रथ निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी।

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