झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
शनिवार सुबह तक 5 बच्चों का पता न चलने पर परिजन ने मेडिकल कॉलेज के बाहर हंगामा कर दिया है। हादसा रात करीब साढ़े 10 बजे हुआ। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी, फिर धमाका हो गया।
पूरे वार्ड में आग फैल गई। वार्ड ब्वॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सट्विंगशर) चलाया। मगर वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था, इसलिए काम नहीं किया।
सूचना पर फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां पहुंचीं। खिड़की तोड़कर पानी की बाैछारें मारीं। सूचना पर DM-SP भी पहुंच गए। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब 2 घंटे में आग पर काबू पाया गया।
इधर, हादसे के बाद सीएम योगी ने हाईलेवल मीटिंग की। उन्होंने कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। सुबह 5 बजे झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- हादसे की 3 जांच होगी। पहली- स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी- पुलिस करेगी। तीसरी- मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- झांसी में जो हुआ उसने उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। उन सब पीड़ित परिवारों के साथ कांग्रेस और मेरी ओर से संवेदनाएं। काश योगी आदित्यनाथ की आंखें आज खुल जाएं।
‘बंटेंगे-कटेंगे-बुलडोजर चलाएंगे’ से ऊपर उठकर उन्हें झांसी जाकर वहां के बच्चों की सुध लेनी चाहिए, ताकि इस प्रकार के हादसे फिर न हों। उत्तर प्रदेश में ये पहला हादसा नहीं हुआ। ये हादसे बार-बार योगी की नाक के नीचे हो रहे हैं। भाजपा की ये सामूहिक नाकामी की निशानी है। कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए, दोषियों को सजा दी जाए।
झांसी मेडिकल कॉलेज के बाहर परिजनों ने हंगामा कर दिया। जबरदस्ती कॉलेज के अंदर घुस गए। परिजन का कहना है- जिस वार्ड में आग लगी थी, उसमें उनके बच्चे एडमिट थे। 12 घंटे बीत चुके हैं। लेकिन बच्चों के बारे में जानकारी नहीं दी गई। उनको अंदर भी नहीं जाने दिया जा रहा।