कोरबा: नगर पालिक निगम कोरबा में वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 20 लाख रुपए की आर्थिक गड़बड़ी सामने आई है। नगर निगम द्वारा शासन को भेजे गए उपयोगिता प्रमाण पत्रों और विकास कार्यों के खर्च में मिले अंतर ने यह सवाल खड़ा किया है कि निगम में वित्तीय लेनदेन कितनी पारदर्शिता के साथ हो रहा है।
शासन को भेजे गए उपयोगिता प्रमाण पत्र और नगर निगम के आयुक्त और लेखा अधिकारी के पत्र में गंभीर विसंगतियां सामने आई हैं। 13 मार्च 2024 के पत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 700 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई थी, जिसमें 520 लाख की पहली किश्त के साथ 13 विकास कार्यों के लिए फंड जारी किया गया। लेकिन, आयुक्त और लेखा अधिकारी द्वारा भेजे गए उपयोगिता प्रमाण पत्र में प्रगति पत्र और स्वीकृति क्रमांक में बड़ा अंतर पाया गया है।
भौतिक प्रगति में स्वीकृति से बाहर कार्यों की मांग, भिन्न-भिन्न राशि की मांग और दो अलग-अलग प्रमाण पत्रों में अलग-अलग आंकड़ों का उल्लेख कर 20 लाख की अतिरिक्त मांग की गई है। इस वित्तीय अनियमितता पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी जारी की है।
आयुक्त ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को 14वें और 15वें वित्त मद से प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, जिससे निगम में हड़कंप मचा हुआ है। इस खुलासे के बाद निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं जनता में भी नगर निगम की पारदर्शिता को लेकर संशय पैदा हो गया है।