Farmers Protest: Fourth round of talks between government and farmers also failed
Farmers Protest: केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई चौथे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. किसानों ने साफ कर दिया कि उनको फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर बिक्री के गारंटी वाले कानून से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है. इस क्रम में संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
किसानों का कहना है कि उनको जानकारी मिली थी कि सरकार A2+FL+50% के बेस पर एमएसपी पर ऑर्डिनेंस लाने की तैयारी कर रही है. जबकि किसानों ने सरकार के सामने C2+50% का प्रस्ताव रखा था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार की ओर से कथित तौर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव रखा गया था.
जानकारी के अनुसार सरकार ने किसान संगठनों के सामने मक्का, अरहर, मसूर और उड़द समेत पांच फसलों की खरीद की बात कही और इसके लिए पांच साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव रखा. जबकि किसानों का मत था कि उनको C2+50% के फॉर्मूले के बेस पर एमएसपी से कम कोई शर्त मंजूर नहीं होगी.
किसान नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने खुद 2014 के घोषणा पत्र में इसका वादा किया था. किसान मोर्चा का कहना है कि स्वामिनाथन आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में C2+50% के आधार पर ही न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का सुझाव पेश किया था.