अकोला में देखने को मिली एतिसाहिक और मिसाली शादी..

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Epic and exemplary marriage was seen in Akola..

अकोला। आज के इस दौर में जहां मां बाप को अपने बच्चो को शादीया करवाना इतना मुश्किल और पहाड़ खोदने जैसा हो गया उस की खास और एकमात्र वजह है जहेज़ प्रथा, शादियों में नाच गाना, और फिजूल खर्ची

समाज में शादियों को मुश्किल से मुश्किल कार्य बनाने वालो के मुंह पर तमाचा मरते हुए समाज में आज भी कई ऐसे लोग हैं जो शादियों में फिजूल खर्ची, जहेज़ प्रथा, को पूरी तरह से खत्म करने और उसे रोकने के लिए अपने कार्यों को अंजाम दे रहे है और अपने बच्चो की शादियों में किसी तरह की कोई फिजोल खर्ची न करते हुए , जहेज़ प्रथा को लात मारते हुए अपने बच्चो की शादियां कर रहे है.

आज के दौर में भी कई ऐसे लोग हैं जिनके अंदर आज भी इंसानियत, शराफत जिंदा है और व शादियों के नाम पर फिजूलखर्ची बंद करने और दहेज प्रथा को पूरी तरह से कानूनी तौर पर बंद कराने पर जोर दे रहे है इसी तरह की एक शादी का नजारा हमें देखने को मिला जो महाराष्ट्र के अकोला जिला में दिनांक 8 जून 2023 को देखी गई. यह शादी अकोला के मुफ्ती अशफाक कासमी के घर हुई जो बड़े ही सादगी और आसान तरीके से हुई , इस शादी में नाही अलग अलग किस्मों के अपकवान नजर आए , नही कोई डेकोरेशन, नाही किसी तरह का जहेज़ और नाही कोई रस्म व रिवाज के नाम पर कोई फिजूलखर्ची ,बिलकुल सदा तरीके से और मिसाली शादी हुई जिस में बाराती का कोई हुजूम नही कोई शोर व गुल नही, इस शादी में नागपुर से आई बारात ने जहेज़ प्रथा को बढ़वाना देने वालो और शादियों के नाम पर गलत रस्म रिवाज करने वालो के मुंह पर तमाचा मारा हैं.

आपको बता दे की ये शादी मुफ्ती अशफाक कासमी साहब के बेटी की नागपुर के हाजी अब्दुल नसीर साहब के बेटे मोहम्मद मुबाशिर की मिसली शादी थी. जो के हर तरह के गलत रस्म व रिवाज, गलत प्रथाओं से पाक थी.

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