सार्वजनिक भूमि पर तात्कालीन कलेक्टर द्वारा दो बार अवैध कब्जामुक्त कराने के बावजूद फिर से हो गया अतिक्रमण…

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सार्वजनिक भूमि पर तात्कालीन कलेक्टर द्वारा दो बार अवैध कब्जामुक्त कराने के बावजूद फिर से हो गया अतिक्रमण…

ॐ अखाड़े से जुड़े स्वर्णिम इतिहास आज अपने अस्तित्व की विलुप्ता पर बहा रहा आंसू…..

कोतरा रोड कातोरे होटल के सामने मुख्य मार्ग पर वार्ड नं 1 में स्थित 15000 हजार स्क्वायर फीट बेशकीमती सर्वजनिक भूमि पर 4 दुकानों का निर्माण हो चुका हैं, पांच वार्डो के रहवासियों ने जिला कलेक्टर और निगम आयुक्त से अवैध कब्जा मुक्त कराने की लगाई गुहार.

रायगढ़- शहर के कोटरा रोड का ओम अखाड़ा, जिसका इतिहास स्वर्णिम व गौरवपूर्ण रहा है। शहर के अंदर शत्तीगुड़ी चौंक से कोतरा रोड मार्ग में कातोरे होटल के सामने मुख्य मार्ग पर वार्ड नं 1 में स्थित 15000 हजार स्क्वायर फीट सर्वजनिक भूमि है। जिसे तात्कालीन कलेक्टर द्वारा खसरा नंबर 1/11 में से 70ख शासकीय भूमि को सर्वजनिक प्रयोजन हेतु आवंटित की गई थी। इस अखाड़े से राष्ट्रीय खिलाड़ी रायगढ़ का नाम रोशन कर चुके हैं।

उक्त बेशकीमती शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पर चार दुकानों का निर्माण किया जा चुका है। जिसकी शिकायत लगभग 5 वार्डो के रहवासियों द्वारा लिखित शिकायत कलेक्टर एवं आयुक्त से की है। ज्ञापन में उल्लेख है कि अखाड़े की शासकीय भूमि पर इसके पूर्व भी दो बार अवैध कब्जा मुक्त तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा किया जा चुका है, किंतु बेजा कब्जा करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि फिर से अतिक्रमण कर चार दुकानों का निर्माण कर दिया गया। मोहल्ले वासियों ने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उपरोक्त स्थान को बेजा मुक्त कर जनहित के प्रयोजन में प्रतीक्षालय अथवा सब्जी मंडी का निर्माण कराएं ताकि वार्ड क्रमांक 1,2,15, 39 और 40 के मध्य स्थित भूमि का लाभ पांचो वार्ड के लोगों को मिल सके।

बता दें कि जिले में आज से लगभग 70 वर्ष पूर्व शहर के मशहूर पहलवान चंदगीराम द्वारा स्थानीय कोतरा रोड में ओम अखाड़े का शुभारंभ किया गया था। जहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर जिले के कई नामी गिरामी कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया गया है। किंतु वर्तमान में इस ॐ अखाडे में दबंग रसूखदारो का अवैध कब्जा है। जिसकी शिकायत लगभग 5 वार्डो के रहवासियों द्वारा लिखित शिकायत कलेक्टर एवं आयुक्त महोदय से किया गया है।परंतु ज्ञापन सौंपने के महीनों बाद भी जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई सुध लेने की जहमत नहीं उठाई। ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में पूर्व में कोई करवाई नही की गई थी। बताना लाजमी होगा कि तत्कालीन कलेक्टर महोदय के द्वारा खेल के प्रति संजीदगी दिखाते हुए उक्त बेजा कब्जा पर सख्ती दिखाते हुए अखाड़े को कब्जा मुक्त कराया गया था। परंतु दबंग अवैध कब्जादारो के रसूख के आगे जिला प्रशासन की यह कार्यवाही बौनी साबित हुई।यही कारण है कि दबंगों द्वारा एक बार फिर इस अखाड़े में अवैध निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसे लेकर जिला प्रशासन भी अनजान बना हुआ है।वही जिला प्रशासन के उपेक्षित रवैए से वर्तमान में इस अखाड़े का अस्तित्व लगभग विलुप्त हो गया है। शासन प्रशासन जल्द ही यदि इस मामले को संज्ञान में नहीं लेता है तो वह दिन दूर नही जब जिले से कुश्ती के अखाड़े का अस्तित्व पूर्ण रूप से समाप्त हो जायेगा।

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